Echo

सूरज हत्याकांड के दोषी आईजी समेत आठ पुलिस अधिकारियों-कर्मचारियों को उम्रकैद

हिमाचल के कोटखाई बहुचर्चित गुड़िया रेप-मर्डर केस से संबंधित सूरज हत्याकांड में सीबीआई चंडीगढ़ की अदालत ने सोमवार को दोषी पूर्व आईजी आईपीएस जहूर हैदर जैदी समेत आठ पुलिस अफसरों और कर्मचारियों को उम्रकैद की सजा सुनाई ।  सीबीआई अदालत ने  सजा के ऐलान से पहले दोषियों से उनकी अपील सुनी।  सुनवाई के दौरान सीबीआई के वकील ने  सभी दोषियों को सख्त से सख्त सजा देने की मांग की।  अदालत ने  सभी के बयान दर्ज कर आज सजा सुनते हुए सभी को अलग-अलग धाराओं में उम्र कैद की सजा सुनाई है। उम्रकैद के साथ ही इनको एक-एक लाख जुर्माना भी लगाया है। 

इससे पहले 18 जनवरी को सीबीआई कोर्ट ने तत्कालीन आईजी जहूर जैदी समेत 8 पुलिस अधिकारियों को दोषी करार दिया था। इनमें जहूर जैदी के अलावा ठियोग के तत्कालीन डीएसपी मनोज जोशी, एसआई राजिंदर सिंह, एएसआई दीप चंद शर्मा, ऑनरेरी हेड कॉन्स्टेबल मोहन लाल, ऑनरेरी हेड कॉन्स्टेबल सूरत सिंह, हैड कांस्टेबल रफी मोहम्मद और कॉन्स्टेबल रनजीत सटेटा शामिल है। 



यह है मामला
यह मामला शिमला जिले के कोटखाई क्षेत्र में में साल 2017 में एक स्कूली छात्रा के रेप-मर्डर मामले से जुड़ा है।  4 जुलाई, 2017 को 16 वर्षीय यह छात्रा स्कूल से लौटते वक्त लापता हो गई थी। इसके बाद 6 जुलाई को कोटखाई के दांदी के जंगल में छात्रा का शव बरामद किया गया था। पुलिस जांच में पाया गया कि छात्रा की रेप के बाद हत्या हुई है। इस मामले की जांच के लिए साउथ पुलिस रेंज शिमला के  तत्कालीन आईजी  सैयद जहूर हैदर जैदी की अध्यक्षता में एसआईटी  गठित की गई। एसआईटी ने इस मामले में एक स्थानीय युवक सहित 6 आरोपियों को गिरफ्तार किया था, जिनमें से एक नेपाली मूल का युवक सूरज भी था। पुलिस को शक था कि सूरज रेप और मर्डर केस में शामिल है। इस बीच कोटखाई थाने में पुलिस हिरासत के दौरान मौत हो गई थी। पुलिस पर सूरज के साथ कस्टडी में मारपीट करने के आरोप लगे।  इसके बाद यह मामला सीबीआई को सौंपा गया, सीबीआई जांच में पता लगा कि आरोपी सूरज की मौत पूछताछ के दौरान पुलिस प्रताड़ना के कारण हुई थी। सीबीआई ने इस मामले में 9 पुलिस अधिकारियों व जवानों को गिरफ्तार किया गया था।  इसके आधार पर सीबीआई ने आईजी जैदी सहित मामले से जुड़े नौ पुलिस अधिकारियों और कर्मचारियों के खिलाफ हत्या, सबूत नष्ट करने सहित कई धाराओं के तहत मामला दर्ज किया था। इसका ट्रायल चंडीगढ़ सीबीआई कोर्ट में चला, जहां इन आठ अधिकारियों और कर्मचारियों को सजा सुनाई गई है।

Share:
Share:
Comment
Leave A Comment