उद्योग मंत्री बिक्रम सिंह ने कहा कि प्रदेश में वर्ष 2030 तक अक्षय ऊर्जा से 10 गीगावाट अतिरिक्त विद्युत उत्पादन करने के उद्देश्य से स्वर्ण जयंती ऊर्जा नीति और पाॅवर विजन दस्तावेज 2030 पर विचार किया जा रहा है। वह आज यहां एसोचैम द्वारा उत्तर भारत में सार्वजनिक-निजी भागीदारी में सामाजिक-आर्थिक विकास को गति देने की क्षमता विषय पर वर्चुअल माध्यम से आयोजित सेमीनार को सम्बोधित कर रहे थे। सेमीनार में हरियाणा के मुख्यमंत् परिषद के सह-अध्यक्ष सुमित कोचर तथा प्राइमस पार्टनर्ज के अध्यक्ष देविन्द्र सिंह ने भी हिस्सा लिया। उन्होंने कहा कि प्रदेश सरकार ने राज्य में दवा उद्योग के विकास के लिए केन्द्र सरकार से प्रदेश के लिए बल्क ड्रग फार्मा पार्क को मंजूरी देने के लिए आग्रह किया है, इससे राज्य के लोगों के लिए रोजगार के अवसर भी बढ़ेंगे। प्रदेश में सरकार द्वारा मेगा फूड पार्कों पर ध्यान केन्द्रित किया जा रहा है। इससे प्रसंस्करण संयंत्र स्थापित करने में निवेश के अवसर प्राप्त होंगे तथा फसल क्षति को कम करने के साथ-साथ रोजगार के अवसर भी सृजित होंगे। बिक्रम सिंह ने कहा कि देश में सार्वजनिक-निजी भागीदारी ने विभिन्न क्षेत्रों में परियोजनाओं के त्वरित और लागत प्रभावी निष्पादन को सुनिश्चित करने में मदद की है। निजी क्षेत्र उत्तरी राज्यों को सामाजिक-आर्थिक उद्देश्यों जैसे क्षमता निर्माण, गुणवत्तापूर्ण किफायती स्वास्थ्य देखभाल, स्थिरता, बुनियादी ढांचे के विकास आदि को प्राप्त करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकता है। कोरोना महामारी के संकटकाल के दृष्टिगत, अर्थव्यवस्था के पुनरूद्धार के लिए निजी क्षेत्र का निवेश महत्वपूर्ण हो गया है। सरकार ने भागीदारी की प्रक्रिया को आसान बनाने के लिए अनेक कदम उठाए हैं। निजी क्षेत्र की बढ़ी हुई भागीदारी लाॅजिस्टिक्स के निर्माण को सुगम बना रही है, जिसके माध्यम से भी उद्योग लाभान्वित हो सकते हैं। उन्होंने आशा व्यक्त की कि राज्य सरकारों की भागीदारी और निरंतर समर्थन से सार्वजनिक निजी भागीदारी प्रदेश में सामाजिक-आर्थिक विकास को गति देने में सहायक होगी। बिक्रम सिंह ने कहा कि राज्य में सभी पात्र प्रदेशवासियों को कोरोना वैक्सीन की पहली डोज दी जा चुकी है और सरकार ने आगामी नवम्बर, 2021 तक सभी पात्र व्यक्तियों को दूसरी डोज लगाने का लक्ष्य निर्धारित किया है। .0.
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