बाहर से आने वाले टूरिस्ट वाहनों को साथ लाना होगा गार्बेज बैग
हिमाचल में बाहर से हर साल लाखों सैलानी पहुंचते हैं। इनमें से कई सैलानी पर्यटन स्थलों पर कचरा फेंक कर यहां के पर्यावरण को नुकसान पहुंचा रहे हैं। लेकिन अब ऐसा नहीं हो पाएगा। सैलानी कचरा यहां वहां नहीं फैंक पाएंगे और उनको अपनी गाड़ियों में इसके लिए गार्बेज बैग साथ रखना है। इन बैक में वे कूडा डालेंगे। हिमाचल हाईकोर्ट ने इस बारे में आदेश दिए हैं। कोर्ट ने हिमाचल को प्लास्टिक और कूड़ा मुक्त बनाने के लिए पर्यटन विभाग को इस आदेश को सख्ती से लागू करने को कहा है। पर्यटन विभाग इन आदेशों का अमल सुनिश्चित करने की पूरी तैयारी कर रहा है।
हिमाचल हर साल पहुंच रहे डेढ़ करोड़ से ज्यादा सैलानी
हिमाचल एक पर्यटन राज्य हैं, जहां सालाना करीब डेढ़ करोड़ से ज्यादा सैलानी पहुंचते हैं। हालांकि इस साल करीब दो करोड़ सैलानियों के हिमाचल आने की संभावना है क्योंकि जून माह तक ही एक करोड़ से ज्यादा सैलानी यहां पहुंच चुके हैं। पर्यटन के साथ साथ हिमाचल का पर्यावरण सुरक्षित रहे, अब यह सुनिश्चित किया जाएगा। दरअसल कई सैलानी पर्यटन स्थलों पर प्लास्टिक की बोतलें और अन्य प्लास्टिक का सामान फैंक रहे है, इससे इन जगहों पर गंदगी फैल रही है और पर्यावरण को नुकसान पहुंच रहा है। इसको देखते हुए ही अब बाहर से आने वाले सैलानियों को अपनी गाड़ियों में गार्बेज बैग रखना होगा। ऐसा न करने वालों पर जुर्माना लगाया जाएगा। पर्यटकों के साथ साथ टुअर ऑपरेटर, ट्रैवल एजेंसी और वाहन चालक की भी जिम्मेदारी होगी कि सैलानियों की वाहनों में हर हाल में गारबेज बैग हो। पर्यटन विभाग भी पर्यटकों को इस बारे में जागरूक करना होगा।
पर्यटन स्थलों पर कचरे का सरकार करेगी आकलन
सरकार को आदेश दिए गए हैं कि वह ट्रैकिंग रूटों पर सैलानियों द्वारा लाए जाने वाले प्लास्टिक कचरे का आकलन करे। इसके लिए चेक प्वाइंट स्थापित करके इन पर स्थायी इको सिस्टम के विकास पर विचार करे। खीरगंगा, हामटा, बिजली महादेव, साच पास, ब्यास कुंड, श्रीखंड महादेव, मणि महेश यात्रा, चूड़धार, त्रिउंड और चांसल आदि कुछ प्राथमिकता वाले ट्रैकिंग मार्गों पर सरकार को विचार करना होगा।
प्लास्टिक कचरा मुक्त बनाने के लिए टास्क फोर्स बनानी होगी
कोर्ट के इन आदेशों के बाद हिमाचल सरकार को राज्य को प्लास्टिक कचरा मुक्त बनाने के लिए टास्क फोर्स भी बनानी होगी। इसमें नगर निकायों के साथ साथ जिला विधिक सेवा प्राधिकरणों के सचिवों, पर्यटन विकास निगम, वन विभाग, गैर सरकारी संगठनों और अन्य स्टेक होल्डर शामिल होंगे। टास्क फोर्स पहाड़ियों पर फैले कचरे की सफाई पर फोकस करेगी।
कोर्ट ने यह भी कहा कि सिक्किम और भूटान की तर्ज पर हिमाचल में पर्यावरण को स्वच्छ और सुंदर बनाए रखने के लिए यहां आने वाले पर्यटकों से टैक्स वसूला जाना चाहिए।
बाहर से आने वाली प्लास्टिक कंपनियों का रजिस्ट्रेशन करना होगा
यही नहीं कोर्ट ने राज्य सरकार को बाहरी राज्यों से आने वाली प्लास्टिक कंपनियों का रजिस्ट्रेशन करने के आदेश दिए, जिससे कि राज्य में आने वाले प्लास्टिक की मात्रा का पता चल सके। यह भी सरकार देखेगी कि इस कचरे को कहां पर डंप किया जा रहा है। अवैध रूप से प्लास्टिक लाने वाले पर भारी जुर्माना लगाया जाएगा।
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