अवैध मस्जिदः हिंदू विचारधारा के लोगों ने किया जमकर प्रदर्शन, लाठीचार्ज में चार जख्मी
शिमला के संजौली में बनी अवैध मस्जिद गिराने की मांग को लेकर शिमला के संजौली में आज बड़ा प्रदर्शन हुआ। विभिन्न जगहों से एकत्र हिंदू विचारधारा के लोगों ने करीब साढ़े चार घंटे जमकर प्रदर्शन किया। पुलिस ने प्रदर्शनकारियों को संजौली तक पहुंचने से रोकने की पूरी कोशिश की और इसने संजौली के चारों ओर बैरिकेडिंग की थी और लाठियां तक इन पर चलाई गईं। लेकिन ये लाठियां भी लोगों का हौसला नहीं डिगा पाईं। लोगों ने जैसे-तैसे संजौली में पहुंचकर जमकर प्रदर्शन किया। इस दौरान पुलिस लाठीचार्ज में करीब चार प्रदर्शनकारी घायल हो गए। वहीं पुलिस के दो जवानों को भी चोटें आई हैं।
प्रदर्शनकारी संजौली तक न पहुंचे, इसके लिए संजौली को पुलिस छावनी में बदला गया था। पुलिस ने ढली की ओर से आने वाले प्रदर्शनकारियों को ढली सब्जी मंडी के पास रोकने की कोशिश की। लेकिन यहां से उग्र प्रदर्शनकारियों ने पुलिस की परवाह किए ढली टनल की ओर रुख किया और यहां सड़क पर हनुमान चालीसा पढ़ा और जय श्रीराम के नारे लगाए।
बैरिकेडिंग तोड़ कर संजौली पहुंचे प्रदर्शनकारी
ढली टनल पर पुलिस ने भारी बैरिकेडिंग कर रखी थी। मस्जिद तोड़ने की मांग कर रहे लोगों ने बेरिकेड्स तोड़े और टनल में प्रवेश किया। इसके बाद प्रदर्शनकारी संजौली बाजार पहुंचे, जहां जमकर प्रदर्शन किया।
वहीं दूसरी ओर संजौली चौक पर भी पुलिस ने भारी बैरिकेडिंग कर रखी थी। यहां भी काफी संख्या में लोग जुट गए और इस बैरिकेडिंग को तोड़ डाला। लोगों ने यहां सरकार, जिला प्रशासन और पुलिस के खिलाफ जमकर नारेबाजी की। लोगों ने अवैध मस्जिद गिराने की मांग की। पुलिस ने भीड़ को तितर-बितर करने के लिए पहले पानी की बौछारें डालीं, इसके बाद पुलिस ने लाठीचार्ज किया। इस दौरान कई लोगों को चोटें आईं। एक पुलिस जवान को भी इस दौरान चोटें आई हैं
वहीं दूसरी ओर पुरानी पुलिस चौकी की ओर भी भारी संख्या में एकत्र लोग प्रदर्शन करने लगे। पुलिस ने यहां अलग से बैरिकेडिंग की। इस दौरान पुलिस लोग मस्जिद तोड़ने की मांग करने लगे। पुलिस ने यहां भी प्रदर्शनकारियों पर लाठियां बरसाईं और उनको यहां से बाहर निकाला। इसके बाद फिर से संजौली चौक पर भीड़ बढ़ने लगीं।
स्कूली बच्चे, आम लोग फंसे रहे
संजौली में की गई बैरिकेडिंग से आम लोग और स्कूली बच्चे यहां फंसे रहे। लोगों का कहना था कि हालांकि प्रशासन को संजौली में होने वाले विशाल प्रदर्शन की सूचना थी, बावजूद स्कूलों को बंद नहीं किया गया। ऐसे में स्कूल से छुट्टियों के बाद ये अपने बच्चों के साथ काफी समय तक फंसे रहे। इसके अलावा आम लोग भी यहां घंटों फंसे रहे।
लोग बोले, प्रशासन सील करे मस्जिद
संजौली विवादास्पद मस्जिद मामले को लेकर लोगों ने साफ कहा कि इसको गिराया जाना चाहिए। अगर नगर निगम आयुक्त कोर्ट में यह मामला है तो वह इस मामले में जल्द फैसला करे। लोगों ने कहा कि जब तक इस पर आयुक्त कोर्ट का फैसला नहीं आता तब इसको सील कर दिया जाए। यहां किसी भी तरह की कोई गतिविधि नहीं होनी चाहिए।
पुलिस का लाठीचार्ज करना निंदनीय: गौरव शर्मा
वहीं शांतिपूर्ण प्रदर्शन कर रहे लोगों पर बल प्रयोग करने के लिए पुलिस प्रशासन की चारों ओर निंदा हो रही है। शिमला के पूर्व पार्षद व समाजसेवी गौरव शर्मा ने कहा कि अवैध मस्जिद निर्माण के विरोध में प्रदर्शन कर रहे लोगों पर लाठीचार्ज करना शर्म की बात है। उन्होंने कहा कि हिंदुओं की आने वाली पीढ़ी को बचाने व सुरक्षित रखने के लिए एकत्रित हुए लोगों के साथ मारपीट करने वालों को जनता कभी माफ नहीं करेगी। उन्होंने कहा कि सभी का दायित्व अपनी संस्कृति व धर्म को बचाने का है। लेकिन जब धर्म व संस्कृति ही नहीं बचेगी तो हुकूमत भी कहां बचेगी। गौरव शर्मा ने कहा कि प्रशासन अगर माहौल खराब होने से अगर बचना चाहता है और शान्ति कायम करना चाहता है, तो अवैध निर्माण को जल्द गिराए। अन्यथा एक शांतिप्रिय शहर को अशांत करने की जिम्मेवारी प्रशासन की होगी।
आखिर क्या है मस्जिद विवाद
दरअसल संजौली में अवैध मस्जिद का निर्माण किया गया है। नक्शे में छोटी मोटी डेविएशन होने पर आमतौर पर नगर निगम लोगों पर कार्रवाई करता है लेकिन इस मस्जिद की चार मंजिलें ही बिना नक्शे का यानी अवैध बनाई गई। यह निर्माण 2010 के बाद का बताया जा रहा है। नगर निगम ने कोई कार्रवाई नहीं की। हालांकि नगर निगम आयुक्त कोर्ट में इसका केस चला है, लेकिन लोग सवाल उठा रहे हैं कि आखिर किसकी शह पर यह निर्माण हुआ है। हालांकि यह विवाद ताजा करीब डेढ़ हफ्ते पहले भड़का, जब एक विशेष समुदाय के लोगों ने एक स्थानीय युवक पर हमला कर दिया। इस पर लोग भड़क गए और मस्जिद के बाहर धरना प्रदर्शन किया। लोगों ने अवैध मस्जिद पर कार्रवाई की डेडलाइन दी थी।
कांग्रेस सरकार में भी मस्जिद विवाद पर फूट
प्रदेश की कांग्रेस सरकार के अंदर भी संजौली मस्जिद विवाद को लेकर फूट देखने को मिली है। इस मसले पर शहर के विधायक हरीश जनारथा और पंचायती राज मंत्री अनिरुद्ध सिंह आमने-सामने आ गए। हरीश जनारथा ने जहां इस विवाद को अनावश्यक तूल देने के आरोप लगाए, वहीं अनिरुद्ध सिंह ने साफ तौर पर इस पर कार्रवाई की मांग की है। बहरहाल अब देखना है कि इस मामले पर लोगों का आने वाले में क्या रुख रहता है।
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