पूर्व कांस्टेबल की पत्नी की शिकायत पर पूर्व डीजीपी समेत 10 अफसरों पर एफआईआर
हिमाचल के एक कांस्टेबल को जबरन नौकरी से निकालने Q के मामले में पूर्व डीजीपी संजय कुंडू, दो रिटायर्ड पुलिस ऑफिसर, 3 एसपी समेत 10 पुलिस अफसरों पर सदर थाना शिमला में अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति एक्ट की धारा 3 (1)(P), एससी-एसटी एक्ट 1989 के तहत मुकदमा दर्ज किया गया है। यह केस मीना नेगी गांव व डा. रामनी उपतहसील टापरी जिला किन्नौर की शिकायत पर दर्ज किया गया है। महिला ने आरोप लगाया है कि पुलिस अधिकारियों ने अपने पद का दुरुपयोग करते हुए उसके पति धर्म सुख नेगी को नौकरी से निकाला है। अधिकारियों ने पहले उसके पति पर झूठे व मनगढ़ंत आरोप लगाए और फिर विभागीय जांच बैठा कर 9 जुलाई 2020 को जबरन बेइज्जत करके नौकरी से निकाल दिया, जबकि कांस्टेबल के तौर पर उसके पति का 8 वर्षों का सेवाकाल बाकी बचा था।
शिकायतकर्ता ने आरोप लगाया कि उसके पति को पुलिस हेडक्वार्टर से आवंटित सरकारी आवास का बिना वर्क आउट के 1 लाख 43 हजार 424 रुपए का रेंट वसूलने के आदेश दिए गए। इसके अलावा 2020 से अब तक उनकी ग्रेच्युटी, डीसीआरजी और अन्य लाखों रुपयों का रिटायरमेंट बेनिफिट्स को रोक कर रखा गया है। महिला ने आरोप लगाया कि उसके पति को सरकारी आवास खाली करने को लेकर कई बार अधिकारियों द्वारा पुलिस आवासीय कॉलोनी भराड़ी और किन्नौर जिले के उनके पैतृक गांव रामनी में बार-बार नोटिस भेजकर उनके परिवार को समाज में जलील किया गया। अधिकारियों ने अपने पद का दुरुपयोग करते हुए उसके पति व परिवार को सामाजिक, आर्थिक व मानसिक तौर पर पीड़ा पहुंचाई है, जिससे आज उसका परिवार भुखमरी की कगार पर पहुंच गया है.
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