विक्रमादित्य सिंह के बयान से सुक्खू सरकार की दूरी, बोली-कैबिनेट ही लेगी कोई फैसला
हिमाचल में कैबिनेट मंत्री विक्रमादित्य सिंह के स्ट्रीट वेंर्डस के लिए नेम प्लेट अनिवार्य करने ब्यान को लेकर सुक्खू सरकार ने दूरी बना दी है। सरकार ने साफ किया है कि वेंडर्स के लिए नेम प्लेट लगाने के बारे में अभी कोई फैसला नहीं लिया गया। कैबिनेट ही इस मसले पर कोई फैसला लेगी।
सरकार के एक प्रवक्ता ने साफ कहा कि कि स्ट्रीट वेंडर्स नीति के तहत अभी तक प्रदेश सरकार ने विक्रेताओं द्वारा अपनी दुकानों पर नेम प्लेट या अन्य पहचान अनिवार्य रूप से प्रदर्शित करने के संबंध में कोई निर्णय नहीं लिया है। प्रदेश सरकार स्ट्रीट वेंडर्स से संबंधित मुद्दों का समाधान करने के लिए प्रतिबद्ध है और इस बारे में कोई भी फैसला लेने से पूर्व सभी सुझावों पर संवेदनशीलता से विचार किया जाएगा।
प्रवक्ता ने कहा कि इसके लिए संसदीय कार्य मंत्री हर्षवर्धन चौहान की अध्यक्षता में कांग्रेस और भाजपा विधायकों की एक समिति का गठित की गई है। समिति इस मामले में प्रदेश सरकार को अपनी सिफारिशें देने से पूर्व सभी हितधारकों के सुझावों की समीक्षा करेगी। कैबिनेट इन सिफारिशों पर कोई अन्तिम निर्णय लेगी।
यूपी की तर्ज पर हिमाचल में नेम प्लेट अनिवार्य करने का दिया था बयान
विक्रमादित्य सिंह ने बीते दिन कहा था कि उत्तर प्रदेश की तर्ज पर हिमाचल में भी रेस्टोरेंट, फास्ट-फूड सेंटर और रेहड़ी-फड़ी संचालकों के लिए पहचान पत्र यानी नेम प्लेट लगाना अनिवार्य किया गया है। यूपी में भी योगी आदित्यनाथ की सरकार ने कावड़ यात्रा के दौरान इसी तरह के आदेश दिए थे। इसका कांग्रेस ने विरोध किया था। विक्रमादित्य सिंह के बयान से कांग्रेस पार्टी में असहज स्थिति पैदा हो गई है। हाईकमान भी इसको लेकर अब सफाई दे रहा है। वहीं इस मामले में आज विक्रमादित्य सिंह ने दिल्ली में कहा कि नेम प्लेट लगाने के आदेश का उत्तर प्रदेश से कोई लेना-देना नहीं है। हिमाचल प्रदेश एक अलग राज्य है, जिसके अपने अलग मुद्दे है।
Leave A Comment