प्रदेश के दोनों बड़े दलों के नेताओं के नाम का सहारा लेकर निर्दलीय कर रहे चुनाव प्रचार , असमंजस मे जनता
प्रदेश में 3 विधानसभा क्षेत्रों और एक लोकसभा सीट के लिए हो रहे उपचुनाव के चलते भाजपा व काँग्रेस जहां अपने अपने प्रत्याशियों की जीत सुनिश्चित करने के लिए प्रचार के दौरान एक दूसरे पर आरोप प्रत्यारोप की राजनीति करने में जुटे हैं तो वहीं कुछ एक निर्दलीय प्रत्याशी ऐसे भी हैं जो दोनों दलों के बड़े नेताओं के नाम का सहारा लेकेर अपनी जीत सुनिश्चित करने के लिए हर हथकंडा अपना रहें हैं | ये नेता कभी भाजपा के बड़े नेताओं के करीबी होने का दंभ भरकर लोगों से अपने पक्ष मे वोट करने की अपील कर रहे हैं ,तो वंही कभी अपनी सभाओं में काँग्रेस के दिवंगत नेताओं के नारे लगाकर अपना राजनैतिक हित साधने की कोशिश कर रहे हैं |अब ऐसे मे मतदाता भी असमंजस की स्थिति मे हैं की दोनों दलों के बड़े नेताओं का नाम लेकेर वोट मांग रहे ये प्रत्याशी अगर जीत भी गए तो क्षेत्र के विकास और लोगों की समस्याओं के समाधान के लिए किस दल के नेताओं के दरबार मे हाजिरी भरेंगे | ऐसे मे प्रदेश के दोनों बड़े दलों के नेता निर्दलीय प्रत्याशी को खूब खरी खोटी सुन रहे हैं और अपने राजनैतिक स्वार्थ के लिए इस तरह की राजनीति करने वाले निर्दलीय प्रत्याशी की बातों मे न आने की भी सलाह दे रहे हैं |
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