शिक्षा मंत्री ने 52 स्कूल प्रमुखों को ट्रेनिंग के लिए आईआईएम सिरमौर रवाना किया
प्रदेश सरकार हिमाचल के सरकारी स्कूलों के प्रमुखों को आईआईएम सिरमौर से लीडरशिप डेवलपमेंट की ट्रेनिंग करा रही है। हिमाचल के इतिहास में यह पहली दफा है कि प्रदेश के स्कूली शिक्षकों को आईआईएम (IIM) जैसे देश के उच्च शिक्षण संस्थानों से प्रशिक्षण हासिल करने का मौका मिल रहा है। शिक्षा मंत्री रोहित ठाकुर ने गुरुवार को समग्र शिक्षा निदेशालय में आयोजित एक कार्यक्रम के दौरान 52 स्कूल प्रमुखों को आईआईएम सिरमौर में ट्रेनिंग के लिए रवाना किया।
इस मौके पर शिक्षा मंत्री ने कहा कि हिमाचल सरकार एक नई सोच और नए इनिशिएटिव के साथ काम कर रही है। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू के निर्देश पर हिमाचल में शिक्षा के विस्तार के साथ शिक्षा प्रणाली को बेहतर बनाने की दिशा में काम किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि शिक्षक का पेशा एक नोबल प्रोफेशन है और वे शिक्षा विभाग की रीढ़ की हड्डी है। ऐसे में उनकी ट्रेनिंग पर विशेष ध्यान दिया जा रहा है। उन्होंने कहा कि आज हर क्षेत्र में नए नए आविष्कार हो रहे हैं और शिक्षक इसके लाभ से वंचित न रहें, इसके लिए हिमाचल के शिक्षकों को भी प्रशिक्षण देकर उनको नवीनतम जानकारियों से लैस किया जा रहा है।
शिक्षा मंत्री ने कहा कि हिमाचल के इतिहास में यह पहली दफा है कि आईआईएम जैसे देश के टॉप संस्थानों में शिक्षकों की ट्रेनिंग कराई जा रही है। उन्होंने कहा कि सरकार द्वारा शिक्षा की गुणवत्ता सुधारने के लिए यह अहम कदम उठाया गया है। उन्होंने कहा कि आईआईएम में ट्रेनिंग के माध्यम से प्रिंसिपल, सीएचटी और क्लस्टर हैडस में लीडरशिप क्वालिटी का विकास होगा और वे बेहतर तरीके से स्कूलों का प्रबंधन भी कर पाएंगे, जिसका असर शिक्षा की गुणवत्ता में भी देखने को मिलेगा।
शिक्षा मंत्री कहा कि भविष्य में भी इस तरह के प्रशिक्षण की व्यवस्था स्कूली शिक्षकों के लिए की जाएगी। शिक्षा मंत्री ने कहा कि प्रदेश सरकार का यह प्रयास शिक्षा के क्षेत्र में सुधार के लिए मील का पत्थर साबित होगा।
शिक्षकों को आईआईएम से ट्रेनिंग देना एक ऐतिहासिक कदमः राजेश शर्मा
समग्र शिक्षा निदेशक राजेश शर्मा कहा कि आज का यह दिन हिमाचल के शिक्षा क्षेत्र के लिए एक अहम दिन है। उन्होंने कहा कि यह पहली बार है कि हिमाचल में आईआईएम जैसे संस्थानों से शिक्षकों प्रशिक्षण दिया जा रहा है। उन्होंने कहा कि यह सब सरकार और विशेष कर शिक्षा मंत्री की सोच से ही संभव हो पाया है। ऐसा करने वाले हिमाचल देश का एक मात्र राज्य हैं, जहां शिक्षकों को उच्चस्तरीय प्रशिक्षण देकर उनकी स्किल को बढाया जा रहा है।
राजेश शर्मा ने कहा कि प्रशिक्षण प्राप्त करने के बाद सभी शिक्षकों की शिक्षा मंत्री के साथ इंटरेक्शन मीटिंग भी की कराई जाएगी, जिसमें ये शिक्षक प्रशिक्षण के अनुभव और स्कूलों में सीखे हुए अनुभव को प्रैक्टिकल तौर पर लागू करने के बारे में बताएंगे। उन्होंने कहा कि इस मीटिंग में शिक्षकों की ओर से कोई सुझाव भी आता है तो वे उस बारे में आईआईएम प्रबंधन के साथ चर्चा की जाएगी।
उच्च शिक्षा निदेशक डा. अमरजीत शर्मा ने कहा कि आईआईएम से ट्रेनिंग लेना शिक्षकों के लिए एक लाइफ टाइम अचीवमेंट है। यह बहुत बड़ा अवसर है, वे ज्यादा से ज्यादा सीख कर इसको अपने स्कूलों में लागू करें।
शिक्षा मंत्री ने विद्या समीक्षा केंद्र का निरीक्षण किया
शिक्षा मंत्री ने समग्र शिक्षा निदेशालय में स्थापित विद्या समीक्षा केंद्र का भी निरीक्षण किया। इस दौरान शिक्षा मंत्री ने स्कूलों में शिक्षकों और छात्रों की स्मार्ट अटेंडेंस के बारे में जानकारी ली। शिक्षा मंत्री ने अधिकारियों से इस बारे में दिशा निर्देश भी दिए। उन्होंने शिक्षकों की 100 फीसदी स्मार्ट अटेंडेंस सुनिश्चित करने को कहा। उन्होंने अधिकारियों को स्मार्ट अटेंडेंस की निगरानी करने के भी निर्देश दिए।
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