संजौली मस्जिद विवादः अदालत ने वक्फ बोर्ड से मांगा जवाब, अब 22 को सुनवाई
शिमला की संजौली मस्जिद विवाद पर आज जिला अदालत में हुई सुनवाई। अदालत में नगर निगम और इसके फैसले को चुनौती देने वाली याचिकाकर्ता के वकीलों ने अपनी दलीलें दी। दोनों पक्षों की सुनवाई के बाद अदालत ने इस मामले में वक्फ बोर्ड से जवाब मांगा है। इस मामले में 22 नवंबर को सुनवाई निर्धारित की गई है।
याचिकाकर्ता ऑल हिमाचल मुस्लिम वेलफेयर सोसाइटी के नजाकत अली के वकील विश्वभूषण ने कहा कि उनकी ओर से अदालत में दलील दी गई है कि नगर निगम आयुक्त कोर्ट ने मस्जिद कमेटी के शपथ पत्र पर गिराने का फैसला सुनाया है। जबकि मस्जिद की कोई भी अधिकृत कमेटी ही नहीं हैं और न ही इसका कोई अध्यक्ष है।
नगर निगम की ओर से पेश वकील भुवनेश पाल ने कहा कि कोर्ट में नगर निगम की ओर से दलील दी गई है कि वक्फ बोर्ड ने मोहम्मद लतीफ को नगर निगम से मस्जिद का नक्शा पास कराने के लिए अधिकृत किया था। हालांकि नक्शा पास नहीं हुआ और यह नगर निगम के पास पड़ा है। इस पर अदालत ने वक्फ बोर्ड के मुख्य कार्यकारी अधिकारी से जवाब मांगा है कि मोहम्मद लतीफ मस्जिद प्रधान के तौर पर वक्फ बोर्ड से अधिकृत या नहीं।
नगर निगम ने 5 अक्टूबर को गिराने के दिए थे आदेश
संजौली की विवादास्पद मस्जिद गिराने की मांग को लेकर स्थानीय लोगों ने देव भूमि संघर्ष समिति की अगुवाई में बीते अगस्त और सितंबर माह में प्रदर्शन किए थे। इसके बाद अवैध मस्जिदों और प्रवासियों को लेकर पूरे प्रदेश में धरना प्रदर्शन शुरू हुए। इस बीच निगम आयुक्त कोर्ट ने बीते 5 अक्टूबर को मस्जिद गिराने के आदेश पारित किए। कमेटी को अपने खर्च पर दो माह के भीतर यह काम करने के आदेश हुए हैं। इस पर मस्जिद कमेटी ने वक्फ बोर्ड को पत्र लिखकर मस्जिद गिराने की मंजूरी मांगी थी। वक्फ बोर्ड से मंजूरी मिलने के बाद कमेटी मस्जिद की अवैध मंजिलों को गिराने का काम कर रही है। इस बीच ऑल हिमाचल मुस्लिम वेलफेयर सोसाइटी ने नगर निगम आयुक्त कोर्ट के फैसले को अदालत में चुनौती दी है। अदालत इस पर सुनवाई कर रही है। अब इस मामले में 22 नवंबर को अदालत में सुनवाई होगी।
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