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भाजपा ने सरकार के खिलाफ राज्यपाल को दिया कच्चा चिट्ठा नाम का दस्तावेज

एक ओर कांग्रेस की सरकार अपने दो साल के कार्यकाल का जश्न मना रही है तो दूसरी ओर विपक्षी पार्टी भाजपा ने राज्यपाल को सरकार के खिलाफ कच्चा चिट्ठा नाम से दस्तावेज सौंपकर राजनीतिक महौल गर्माने की कोशिश की है। भाजपा ने प्रदेश सरकार पर भ्रष्टाचार के गंभीर आरोप इन दस्तावेजों में लगाए हैं।

भाजपा ने सरकार पर भ्रष्ट अधिकारियों को संरक्षण देने, भ्रष्ट अधिकारियों को महत्वपूर्ण जगह तैनाती देने, कांगड़ा सेंट्रल को-ऑपरेटिव बैंक में वन टाइम सेटलमेंट पालिसी के नाम पर प्रभावशाली लोगों को लाभ पहुंचाने, देहरा में राशन और ग्रीन एनर्जी प्रोजेक्ट में घोटाला करने के गंभीर आरोप लगाए हैं। भाजपा ने आबकारी एवं कराधान विभाग में शराब के ठेकों की नीलामी में  भ्रष्टाचार के आरोप लगाए हैं। आरोप लगाया है कि विभाग ने जिलों में छोटे यूनिट मिलाकर बड़े यूनिट बना दिए, ताकि चहेते ठेकेदारों को ज्यादा काम मिल सके। भाजपा ने मुख्यमंत्री कार्यालय पर भी भ्रष्टाचार के आरोप लगाए हैं। भाजपा की ओर से बिजली बोर्ड के एक आला अधिकारी के खिलाफ प्रधानमंत्री कार्यालय  को दी गई शिकायत का भी जिक्र किया गया है।  आरोप लगाए गए हैं कि एक बिजली कंपनी ने अधिकारियों को 25 करोड़ रुपए दिए।
भाजपा ने कांग्रेस सरकार पर भू-घोटाले के भी आरोप लगाए हैं। भाजपा ने सरकार पर वन माफिया को संरक्षण देने का आरोप भी लगाया है।  भाजपा ने प्राइवेट जमीन से पेड़ काटने को अपने चहेतों को लाइसेंस देने, सरकारी जंगलों में अवैध रूप से खैर कटान और पेट्रोल पंप के लिए सरकारी जमीन देने के भी आरोप लगाए। भाजपा ने  आरोप लगाया कि वर्तमान सरकार में बड़े पैमाने पर हिमाचल की संपत्तियों को बेचना शुरू कर दिया है। पर्यटन निगम इसका एक उदाहरण है। बीजेपी ने लोक निर्माण विभाग को भी भ्रष्टाचार का अड्डा बताया और चहेतों को टेंडर देने के आरोप लगाए हैं।  भाजपा का आरोप है कि कई डिविजनों में अपने मित्रों को काम देने के लिए टेंडर बार बार रद्द कर दिए गए हैं।

 



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