पीएम मोदी ने ट्रिपल तलाक संशोधन लाकर कांग्रेस के पापों का प्रायश्चित किया: जितेंद्र सिंह
केंद्रीय राज्य मंत्री जितेंद्र सिंह ने शिमला में एक प्रेस वार्ता में कहा कि कांग्रेस ने हर प्रकार के खिलवाड़ संविधान के साथ किया तो वह केवल तुष्टीकरण की राजनीति के लिए है, एक वोट बैंक को नजर में रखते हुए किया जाता है। अगर आप कांग्रेस की तुलना भाजपा सरकार से करें, जो संशोधन पीएम मोदी के रहते आए वो जनहित के लिए लिए गए। महिलाओं के लिए विधेयक में महिलाओं के लिए 33 प्रतिशत आरक्षण दिया गया जिसको संसद एवं विधानसभाओं में कांग्रेस पार्टी क्यों नहीं कर पाई ? क्योंकि कांग्रेस को अपने घर बेटा बेटी ढूंढ कर काम करना पड़ेगा। कांग्रेस बेटा, बेटी और दामाद से बाहर नहीं जा सकती। कांग्रेस यह बर्दाश्त भी नहीं कर सकती कि परिवार के बाहर से कोई और पार्टी में आ जाए, ट्रिपल तलाक संशोधन लाकर कांग्रेस के पापों का प्रायश्चित पीएम नरेंद्र मोदी ने किया। एक समाज की बहनों के साथ जो अन्याय हो रहा था उसके लिए मोदी इस कानून को लेकर आए। इसी प्रकार ईडब्ल्यूएस का कानून मोदी की लिए कांग्रेस क्यों नहीं ला सकी, कांग्रेस तो गरीबी हटाओ कब से कह रही थी लेकिन आपने गरीबी के नाम पर वोट लिया उसको गरीब रहने दिया ताकि उसकी गुरबत को आप शोषित कर सके लेकिन मोदी सरकार ने गरीब को सशक्त किया कि वो अपना रोजगार स्वयं कमा सके।
पीएम मोदी के प्रयासों से स्टार्टअप की संख्या बढ़कर 1.50 लाख हुई
जितेंद्र सिंह ने कहा कि पीएम मोदी कहा कि इस देश में स्टार्टअप की संख्या मात्र 350 थी, लोगों को इस योजना की समझ भी नहीं थी कि स्टार्ट अप शब्द का अर्थ क्या है। पीएम मोदी के प्रयासों से आज इसकी संख्या बढ़ कर 1.50 लाख से ऊपर हो गई और दुनिया में हम तीसरे दर्जे पर आ खड़ा हुए। इसका मतलब है कि हमारे युवाओं में प्रतिभा, योग्यता, काबिलियत थी, मेहनत करने का मादा भी था लेकिन आपने अपनी परिवारवाद को बरकरार रखने के लिए उनको पीछे रखा। उन्होंने कहा कि सरकार ने बाबा साहेब अंबेडकर के पांच स्थल चिन्हित कर उनके स्मारक बनाने का काम किया। केंद्रीय मंत्री ने कहा कि भाजपा ने एक देशव्यापी स्तर पर अभियान प्रारंभ किया है, जिसका नाम संविधान पर्व रखा गया है और इसके संविधान के प्रमुख बिंदू क्या है इसकी जागरूकता पैदा करनी है। उन्होंने कहा कि जब जब भी संविधान का संशोधन कांग्रेस की सरकार के द्वारा हुआ तो उसके पीछे की मंशा कहीं ना कहीं सत्ताधारी पार्टी अर्थात कांग्रेस पार्टी का हित खतरे में था। उन हितों को बचाने के लिए या अपने परिवारवाद को आगे बढ़ाने के लिए था जो कि किसी भी कानूनी चुनौती से ऊपर है। यानी कोई भी प्रधानमंत्री चुनाव में चुनौती न दे सके, तो इससे किसको लाभ हुआ? संशोधन से जानहित का भी लाभ नहीं है और यह लोकतंत्र मूल्यों के भी विपरीत है।
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