हिमाचल बजट सत्र का आज से आगाज ,सवालों की होगी बौछार, हंगामेदार बरपने के आसार
शिमला :- हिमाचल प्रदेश विधानसभा का बजट सत्र आज से शुरू हो रहा है। अबकी बार सत्र के हंगामेदार रहने के पूरे आसार हैं.. सत्ता पक्ष रक्षात्मक तो विपक्ष आक्रामक तेवर अपनाएगा.. सत्र में सवालों की बौछार होगी.. कल 963 सवाल पूछे जाएंगे..
राज्यपाल शिव प्रताप शुक्ल दोपहर 2 बजे बजट अभिभाषण पढ़ेंगे। कल से राज्यपाल के अभिभाषण पर चर्चा शुरू होगी, जो कि 13 मार्च तक चलेगी।
मुख्यमंत्री सुक्खू 17 मार्च को अपना व सरकार का तीसरा बजट पेश करेंगे। इसके बाद तीन दिन बजट पर चर्चा चलेगी। इस बार का बजट सत्र 28 मार्च तक चलेगा। इस बार कुल 16 बैठकें होंगी। बजट सत्र में 22 और 27 मार्च को प्राइवेट मेंबर-डे होगा। इस दिन सत्तापक्ष और विपक्ष के विधायक अपने क्षेत्र से जुड़े मुद्दे सदन में उठा सकेंगे। 26 मार्च को सदन में वित्तीय वर्ष 2025-26 के लिए बजट पारित किया जाएगा। आज राज्यपाल के अभिभाषण के बाद प्रश्नकाल नहीं होगा। सत्र के दौरान कल से प्रश्नकाल के बाद जीरो ऑवर होगा। इस बार का बजट सत्र खूब हंगामेदार रहने के आसार है। बजट सत्र के दौरान मंदिरों का पैसा सरकारी योजनाएं चलाने, वित्तीय हालत, बुजुर्ग वर्गों को पेंशन नहीं मिलने, कांग्रेस की गारंटी, बेरोजगारी, भ्रष्टाचार, विधानसभा में भर्ती जैसे मुद्दे पर तपिश देखने को मिलेगी। नेता प्रतिपक्ष जयराम ठाकुर कह चुके हैं कि जनता से जुड़े इन मुद्दों को सदन में प्रमुखता से उठाया जाएगा।
बजट सत्र शुरू होने से पहले विधानसभा अध्यक्ष कुलदीप सिंह पठानिया ने सर्वदलीय बैठक बुलाई, इसमें सदन की कार्यवाही को सही ढंग चलाने की अपील की गई। इस बार के बजट सत्र में 963 सवाल पूछे गए हैं। इनमें 737 तारांकित और 226 सवाल अतारांकित हैं। इसी तरह अलग अलग नियमों के तहत 24 विषय पर विधायकों द्वारा चर्चाएं मांगी गई हैं।विधानसभा के बजट सत्र के दौरान सुरक्षा में 1000 पुलिस कर्मी तैनात किए गए हैं। सीसीटीवी कैमरों से भी असामाजिक तत्व पर नजर रखी जाएगी। बिना पास के किसी को भी विधानसभा में प्रवेश की इजाजत नहीं होगी।
lबजट सत्र से पहले कांग्रेस और भाजपा विधायक दल मीटिंग कर एक दूसरे को घेरने की रणनीति बना चुका है। बीजेपी विधायक दल की मीटिंग बीती शाम को हुई, जबकि कांग्रेस विधायक दल की बैठक आज हुई। सत्तापक्ष ने विपक्ष के हमलों का जबाव देने की रणनीति बनाई। इसी तरह विपक्ष ने भी सत्तापक्ष को बेरोजगारी, संस्थान बंद करने, कानून व्यवस्था, वित्तीय स्थिति, को लेकर घेरने की रणनीति बनाई।
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