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जानिए किस वार्ड में भर्ती होने से नहीं मिलेगा मुफ्त इलाज ,सरकार का बड़ा फैसला

हिमाचल प्रदेश सरकार ने स्वास्थ्य विभाग में बड़ा बदलाव किया है सरकार ने विभाग में एक अहम फैसला लेते हुए सरकारी अस्पतालों के आउट डोर पेशेंट के लिए मुफ़्त इलाज बन्द करने की तैयारी कर ली है। विभाग ने इस सबंध में सरकार को प्रस्ताव भेजा है इस पर अंतिम फैसला सरकार को लेना है।। यह निर्णय 1 अप्रैल 2025 से प्रभावी होगा।

 हिमाचल प्रदेश में अब प्राप्त  मुख्यमंत्री हिमाचल हेल्थ केयर स्कीम (हिमकेयर) और आयुष्मान भारत प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना (AB-PMJAY) के तहत भी स्पेशल वार्ड में मुफ्त इलाज बन्द करने की तैयारी है।। हालाँकि यदि ये मरीज सामान्य वार्ड में भर्ती होते हैं, तो उन्हें पहले की तरह मुफ्त उपचार का लाभ मिलेगा।

जानकारी के अनुसार, 8 मार्च 2019 को जारी स्टैंडर्ड ऑपरेटिंग प्रोटोकॉल (SoP) में किए गए संशोधन के तहत क्लॉज-एम को हटा दिया गया है, जिसके बाद यह बदलाव लागू किया गया है। इससे हिमकेयर और आयुष्मान कार्डधारकों को अब स्पेशल वार्ड का चयन करने की स्थिति में इलाज का खर्च खुद उठाना होगा।

प्रदेश में वर्तमान में हिमकेयर योजना के अंतर्गत 8.53 लाख कार्डधारक हैं। इनमें से जो मरीज विशेष सुविधा वाले वार्ड का चुनाव करेंगे, उन्हें योजना के तहत कैशलेस इलाज नहीं मिलेगा। सामान्य वार्ड के मरीजों को योजना का लाभ यथावत मिलता रहेगा।

इसके साथ ही सरकारी अस्पतालों में OPD (बाह्य रोगी) के तहत रोजाना किए जाने वाले मुफ्त टेस्ट बंद करने की भी योजना बनाई जा रही है। इस पर अंतिम निर्णय अभी नहीं हुआ है।गौरतलब है कि हिमकेयर योजना पूरी तरह राज्य सरकार द्वारा वित्तपोषित है, जबकि AB-PMJAY योजना केंद्र और राज्य सरकार द्वारा संयुक्त रूप से चलाई जाती है, जिसमें दोनों 50-50 प्रतिशत का खर्च साझा करते हैं।।   

यहाँ समझे आउट डोर पेशेंट कौन होते है..?

मरीज होते हैं जो अस्पताल या क्लिनिक में इलाज के लिए आते हैं, लेकिन वह वहां एडमिट या रात भर  अस्पताल में रहने की आवश्यकता नहीं होती है।  अस्पताल का वह हिस्सा जहाँ आउटडोर पेशेंट का इलाज किया जाता है, उसे आउटपेशेंट विभाग या OPD कहते हैं। 



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