जमीन के मुद्दे पर किसानों ने घेरा सचिवालय, सरकार के आश्वासन के बाद उठे किसान बागवान
शिमला :- हिमाचल प्रदेश हाई कोर्ट के आदेशों पर प्रदेश भर में सरकारी जमीनों से बेदखली और सेब के पेड़ों के कटान के विरोध में आज हिमाचल किसान सभा व सेब उत्पादक संघ की अगुवाई में किसानों व बागवानों ने सचिवालय का घेराव किया और सरकार से बेदखली व घरों की तालाबंदी पर रोक लगाने की मांग की।किसान सभा व सेब उत्पादक संघ के बैनर तले प्रदेश के हजारों किसानों ने टाॅलैंड से सचिवालय तक रैली निकाली और सरकार के खिलाफ जमकर गुस्सा निकाला।इस दौरान पुलिस और किसानों बागवानों में हल्की धक्कामुक्की हुई और बैरिकेड्स भी टूटे और सड़क जाम रही।
किसान नेता व पूर्व विधायक राकेश सिंघा ने सरकार पर तीखा हमला बोलते हुए कहा, यह सरकार अपंग है। सुप्रीम कोर्ट ने पहले भी दो मामलों में बेदखली को गैरकानूनी बताया, लेकिन न कोर्ट ने पूरी तरह रोक लगाई और न ही सरकार ने कोई ठोस कदम उठाया। सिंघा ने चेतावनी दी कि, सरकार के जेलों में जगह कम पड़ जाएगी। 1980 के बाद आई तमाम सरकारें अपने कर्तव्यों में विफल रही हैं। इन्होंने दो इंच भूमि नहीं छोड़ी, बल्कि सारी भूमि को 1952 की अधिसूचना के तहत वन घोषित कर दिया गया। हाई कोर्ट के आदेश की आड़ में किसानों को उजाड़ने का काम हो रहा है जो बर्दाश्त नहीं होगा। किसान सरकार से भूमिहीन किसानों को 5 बीघा जमीन का मालिकाना हक देने की मांग कर रहे हैं। सरकार हाईकोर्ट के आदेशों पर जमीनों से हो रही किसानों की बेदखली पर रोक लगाने का काम करें।
बैठक के बाद बोले किसान सभा राज्य अध्यक्ष डॉक्टर कुलदीप तंवर
किसान सभा के राज्य अध्यक्ष डॉ कुलदीप तंवर ने बताया कि मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू और बागवानी एवं राजस्व मंत्री जगत सिंह नेगी से एक प्रतिनिधि मंडल के साथ बैठक हुई है ।उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री व मंत्री के साथ सार्थक चर्चा हुई है। मुख्यमंत्री ने आश्वासन दिया है कि सुप्रीम कोर्ट ने जो पेड़ कटान पर रोक लगाई है उसको लागू करने के लिए सबसे पहले सरकार सभी जिला के अधिकारियों को निर्देश देगी कि कहीं पर भी पेड़ कटान न हो।वहीं डॉ तंवर ने बताया कि मुख्यमंत्री ने यह भी आश्वासन दिया है कि प्रदेश सरकार भूमिहीनों को जमीन सुनिश्चित कराने के लिए सरकार नीति बनाएगी और इसको लेकर प्रदेश सरकार हाईकोर्ट में भी एफेडेविट फ़ाइल करेगी।.
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