कैबिनेट मीटिंग: मेयर-डिप्टी मेयर का कार्यकाल अब पांच साल, पूरे प्रदेश में लागू होगा स्पेशल पैकेज
मुख्यमंत्री ठाकुर सुखविंद्र सिंह सुक्खू की अध्यक्षता में हुई हिमाचल प्रदेश मंत्रिमंडल की बैठक में आज कई अहम निर्णय लिए गए। बैठक में प्रशासनिक ढांचे के पुनर्गठन, आपदा राहत, पर्यटन, रोजगार और शिक्षा से जुड़े प्रस्तावों को मंजूरी दी गई।
प्रदेश सरकार ने नगर निगमों के मेयर और डिप्टी मेयर का कार्यकाल बढ़ाकर पांच साल करने का फैसला लिया है। अब तक इनका कार्यकाल अढ़ाई-अढ़ाई वर्ष का था। उद्योग मंत्री हर्षवर्धन चौहान ने कहा कि अढाई अढाई साल के कार्यकाल व्यवस्था के कारण राजनीतिक अस्थिरता और हार्स ट्रेडिंग को बढ़ावा मिल रहा था। इस निर्णय से स्थानीय निकायों में स्थिर प्रशासनिक व्यवस्था सुनिश्चित होगी।
पूरे प्रदेश में आपदा प्रभावितों को मिलेगा विशेष पैकेज
कैबिनेट ने प्रदेशभर के आपदा प्रभावितों को राहत देने के लिए बड़ा फैसला लिया है। अब तक यह स्पेशल पैकेज केवल मंडी जिले तक सीमित था, लेकिन अब हिमाचल के सभी जिलों में जिनके मकान नष्ट हुए हैं, उन्हें यह राहत राशि दी जाएगी। सरकार का लक्ष्य आपदा से प्रभावित हर व्यक्ति तक सहायता पहुंचाना है।
पंचायतों का पुनर्गठन और डिलिमिटेशन शुरू होगा
मंत्री हर्षवर्धन चौहान ने बताया कि आपदा के चलते कई दूरदराज क्षेत्रों में सड़कें बंद हैं या अस्थायी रूप से खुली हैं, जिससे पंचायती राज चुनाव समय पर कराना संभव नहीं था। सरकार को पंचायतों के पुनर्गठन के प्रस्ताव भी प्राप्त हुए हैं। इन परिस्थितियों को देखते हुए कैबिनेट ने पंचायती राज विभाग के प्रस्ताव को मंजूरी देते हुए प्रदेश में पंचायतों के पुनर्गठन और सीमांकन (डिलिमिटेशन) की प्रक्रिया शुरू करने का निर्णय लिया है।
हिमाचल टूरिज्म इन्वेस्टमेंट प्रमोशन काउंसिल के गठन को मंजूरी
पर्यटन क्षेत्र में निवेश को प्रोत्साहन देने के लिए सरकार ने “हिमाचल टूरिज्म इन्वेस्टमेंट प्रमोशन काउंसिल” गठित करने का फैसला लिया है। इसके अध्यक्ष मुख्यमंत्री होंगे और यह परिषद पर्यटन एवं नागरिक उड्डयन विभाग के अधीन कार्य करेगी। अब 50 करोड़ रुपये से अधिक की परियोजनाओं को इस काउंसिल से मंजूरी लेनी होगी। आवश्यक अनापत्ति प्रमाण पत्र (NOC) 14 दिन के भीतर जारी किए जाएंगे, जिससे परियोजनाओं को अनावश्यक देरी का सामना नहीं करना पड़ेगा।
खेल क्षेत्र में बड़ा कदम: 19 नए खेलों को मिली मान्यता
कैबिनेट ने 19 नए खेलों को राज्य की मान्यता प्राप्त खेल सूची में शामिल करने को मंजूरी दी है। इनमें बेसबॉल, पैरा स्पोर्ट्स, रग्बी, ट्रायथलॉन, बधिर खेल, मल्लखंभ, कूडो, मोटर स्पोर्ट्स, पेनकैक सिलाट, शूटिंग बॉल, सॉफ्ट टेनिस, रोल बॉल, टेनपिन बॉलिंग, रस्साकशी, तलवारबाजी, नेटबॉल, सेपक टकराव, वुशु और किक बॉक्सिंग शामिल हैं। अब इन खेलों में उत्कृष्ट प्रदर्शन करने वाले खिलाड़ी राज्य सरकार के विभागों, बोर्डों और निगमों में विभिन्न पदों के लिए पात्र होंगे।
रोजगार और शिक्षा से जुड़े निर्णय
बैठक में कनिष्ठ कार्यालय सहायक (आईटी) के 300 पद सृजित करने और भर्ती निदेशालय के अंतर्गत एक अलग राज्य कैडर बनाने को मंजूरी दी गई। इसके साथ ही, नाहन कॉलेज को नई चयनित भूमि पर निर्माण करने का भी निर्णय लिया गया। सरकार ने 400 स्टाफ नर्स के पदों को स्वीकृति दी है। इन पदों पर भर्ती राज्य चयन आयोग के माध्यम से की जाएगी और चयनित नर्सों को 25,000 रुपये प्रतिमाह वेतन मिलेगा।
मानदेय में बढ़ोतरी, 50 हजार कर्मचारियों को लाभ
कैबिनेट ने बजट घोषणा के अनुरूप 1 अप्रैल 2025 से एसएमसी शिक्षकों (टीजीटी, सीएंडवी, जेबीटी, लेक्चरर, डीपीई), आईटी कंप्यूटर शिक्षकों, मिड-डे मील कार्यकर्ताओं और अंशकालिक जलवाहकों के मानदेय में 500 रुपये प्रतिमाह की वृद्धि को मंजूरी दी है। इस निर्णय से लगभग 50 हजार कर्मचारियों को लाभ होगा। कैबिनेट ने 1 अप्रैल, 2025 से विशेष पुलिस अधिकारियों के मानदेय में 300 रुपये प्रति माह की वृद्धि को मंजूरी प्रदान की। इससे राज्य के 510 विशेष पुलिस अधिकारी लाभान्वित होंगे। इसका लाभ गैर-जनजातीय क्षेत्रों के 403 और जनजातीय क्षेत्रों के 107 अधिकारियों को मिलेगा।
ग्रामीण क्षेत्रों में नक्शे के अनुरूप मकान बनाने को कैबिनेट सब कमेटी
बैठक में ग्रामीण क्षेत्रों में निर्माण गतिविधियों को विनियमित करने के लिए आदर्श उप-नियमों के रूप में ग्राम पंचायतों द्वारा अपनाए जाने वाले ग्रामीण क्षेत्र विकास दिशा निर्देशों के प्रारूप को अंतिम रूप देने के लिए राजस्व मंत्री जगत सिंह नेगी की अध्यक्षता में एक मंत्रिमंडलीय उप-समिति गठित करने का निर्णय लिया गया। ग्रामीण विकास मंत्री अनिरुद्ध सिंह, शहरी विकास मंत्री विक्रमादित्य सिंह और नगर एवं ग्राम नियोजन मंत्री राजेश धर्माणी इस मंत्रिमंडलीय उप-समिति के सदस्य होंगे।
बैठक में परिवहन विभाग को राजीव गांधी स्वरोजगार योजना के अंतर्गत 40 प्रतिशत सब्सिडी के प्रावधान के साथ 1000 मौजूदा डीजल/पेट्रोल टैक्सियों को इलेक्ट्रिक टैक्सियों से बदलने के लिए आवश्यक अनुमति प्रदान की गई।
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