भारत-अमेरिका की साझेदारी वैश्विक हित में महत्वपूर्ण: अनुराग ठाकुर
पूर्व केंद्रीय मंत्री व हमीरपुर लोकसभा क्षेत्र से सांसद अनुराग ठाकुर ने आज नई दिल्ली में अमेरिका-भारत रणनीतिक साझेदारी मंच (US–India Strategic Partnership Forum) द्वारा आयोजित कार्यक्रम में भारत व अमेरिका के मज़बूत द्विपक्षीय संबंधों में भारत की भूमिका व वैश्विक आतंकवाद पर अपने विचार रखे। इस कार्यक्रम में अनुराग ठाकुर के साथ कांग्रेस नेता व राज्यसभा सांसद राजीव शुक्ला, भाजपा नेता व राज्यसभा सांसद जय पांडा, आरपीएन सिंह व विजय चौथाईवाला भी प्रमुख रूप से मौजूद रहे।
अनुराग ठाकुर ने कहा “ प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में भारत ने हमेशा भारत-अमेरिका के बीच द्विपक्षीय संबंधों को और मज़बूत करने के लिए अतिरिक्त प्रयास किए हैं और सक्रिय कदम उठाए हैं। भारत ने हमेशा संयुक्त राज्य अमेरिका के साथ अपने गहरे संबंधों को महत्व दिया है। उभरती वैश्विक व्यवस्था में, भारत और संयुक्त राज्य अमेरिका अलग-थलग रहने का जोखिम नहीं उठा सकते, क्योंकि हमारी साझेदारी केवल पारस्परिक लाभ के लिए नहीं, बल्कि व्यापक वैश्विक हित के लिए है।भारत और अमेरिका दोनों ही आतंकवाद के शिकार रहे हैं। चाहे 9/11 हो या 26/11, हमारा दर्द साझा है और किसी भी रूप में आतंकवाद से लड़ने के लिए हमारी साझा प्रतिबद्धता होनी चाहिए। इस खतरे से निपटने के लिए एक वैश्विक सहमति और एक सामूहिक रणनीति होनी चाहिए, और भारत और संयुक्त राज्य अमेरिका मिलकर इस प्रयास का नेतृत्व कर सकते हैं।
भारत में आतंकवादी हमलों के पीछे पाकिस्तान का हाथ
अनुराग ठाकुर ने कहा “ हाल ही में भारत को जम्मू कश्मीर के पुलवामा दुर्दांत आतंकवादी घटना का सामना करना पड़ा और दुनिया जानती है कि ऐसे आतंकवादी हमलों के पीछे पाकिस्तान का हाथ है। ऑपरेशन सिंदूर के रूप में सैन्य और कूटनीतिक रूप से, हमारी प्रतिक्रिया नपी-तुली, सटीक, सटीक और ज़ोरदार थी और यह भारत का दुनिया को संदेश था कि आतंकवाद के खिलाफ हमारी लड़ाई में यही यह न्यू नॉर्मल है”
अनुराग ठाकुर ने कहा “ भारत आने वाले वर्षों में ऊर्जा क्षेत्र में सहयोग बढ़ाने के लिए अमेरिका की ओर आशा भरी नज़रों से देख रहा है। भारत ने अगले पाँच वर्षों में अपनी स्वच्छ ऊर्जा का विस्तार करने के लिए एक महत्वाकांक्षी अभियान शुरू किया है। हमारा लक्ष्य स्वच्छ ऊर्जा क्षमता को 250 गीगावाट से बढ़ाकर 550 गीगावाट करना है और हमें उम्मीद है कि भारत के ऊर्जा सुरक्षा लक्ष्यों में अमेरिका की और भी अधिक सार्थक भागीदारी होगी। हम अगले दो दशकों में अपनी परमाणु ऊर्जा उत्पादन क्षमता को 10 गुना बढ़ाने की दिशा में आगे बढ़ रहे हैं। भारत और अमेरिका साथ मिलकर विज्ञान के लिए, मानवता के लिए और भविष्य के लिए नए मील के पत्थर स्थापित कर सकते हैं”
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