मतदान करने के बाद वोटर के बाएं हाथ की तर्जनी उंगली पर लगाई जाने वाली स्याही ( इलेक्टोरल इंक ) मुख्यतौर पर सिल्वर नाइट्रेट से बनती है इस स्याही को 1937 में स्थापित एक मात्र मैसूर पेंट्स एंड वार्निश लिमिटेड (एमपीवीएल) कंपनी कई सालों से बनाती आ रही है. इस स्याही को इसलिए लगाया जाता है ताकि कोई भी दूसरी बार धोखाधड़ी से मतदान न कर सके. इस स्याही का निशान करीब 20 दिन तक उंगली पर रहता है. इसकी एक शीशी की कीमत 174 रुपए है. 1962 के भारतीय आम चुनाव के दौरान इसका पहली बार इस्तेमाल किया गया था.
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