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बीजेपी अध्यक्ष डॉ. राजीव बिंदल ने आपदा प्रभावित क्षेत्रों का किया दौरा

भाजपा प्रदेश अध्यक्ष डॉ राजीव बिंदल ने शिमला जिला के रामपुर और कुल्लू जिला के निरमंड में आपदा प्रभावित क्षेत्रों का दौरा। राजीव बिंदल ने कहा कि प्राकृतिक आपदा से अथाह नुकसान हुआ है। उन्होंने कहा कि समेज एक हरा-भरा गांव था, जिसमें 22 मकान थे। पानी, पत्थर, मलवा, बड़े-बड़े पेड़ इन सभी मकानों को अपने साथ बहाकर ले गए। हड़बड़ाहट में कुछ लोग दौड़ भागकर इधर-उधर अपनी जान बचा पाए परन्तु 36 जाने अभी भी लापता हैं। परन्तु ऐसा प्रतीत होता है कि उनके सुरक्षित होने की कोई संभावना दूर-दूर तक दिखाई नहीं देती। तीन बालिकाएं ऐसी थी जो कि वालीबाल में नेशनल खेलने वाली थी, वे भी लापता हैं। गांव का स्कूल, प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र, सामुदायिक भवन, पावर हाऊस सब समाप्त हो गए। ऐसी भयावह त्रासदी कल्पना से परे है।
 
शादी की तैयारी च चल रही थी, घर समेत सोना-चांदी व सारा सामान बह गया
बिंदल ने कहा की रामपुर क्षेत्र के गानवी पहुंचने पर पाया कि मध्य रात्रि में बड़े-बड़े पेड़ों के साथ हजारो टन मलवा गानवी खड्ड में आ गया और 6 पक्के मकान जो बहुत सुन्दर बने हुए थे, वो शत-प्रतिशत मलबे के साथ बह गए और उनका नामो निशान भी नहीं बचा। जहां ये मकान बने थे, वहां अब बड़ी-बड़ी चट्टाने हैं और कल्पना भी नहीं की जा सकती कि यहां कभी मकान भी रहे होंगे। गनीमत रही कि गानवी पावर प्रोजेक्ट में बार-बार सायरन बजाया और सभी लोग घर छोड़कर पहाड़ी पर भाग गए और सभी जाने बच गई। एक परिवार जिसमें बेटी की शादी की तैयारियां चल रही थी, खुशियों का माहौल था, इस घटना से सब कुछ मिनटों में तबाह हो गया। शादी के लिए खरीदा गया सारा साजो-सामान, सोना, चांदी, कपड़े इत्यादि सब पानी के साथ बह गए।
 
निरमंड के बागीपुल का मंजर भी दिल दहलाने वाला
डॉ. राजीव बिंदल ने कहा कि निरमंड होते हुए जब हम बागी पहुंचे तो वहां की तबाही का मंजर भी दिल दहलाने वाला है। वहां भी अर्द्धरात्रि में उसी प्रकार लड़कियां, पत्थर, मिट्टी, मलवा आया और 8 मकान जमींदोज हो गए और कुछ भी शेष नहीं रहा। प्रभु कृपा से यहां पर भी कोई जानी नुकसान नहीं हुआ क्योंकि लोगों को फोन के माध्यम से सूचना मिल गई थी और लोग घरों से निकल गए।  इस प्रकार समेज में, गानवी में, बागी में, केदस में सब जगह जो तबाही हुई है,  वह श्रीखंड पर्वत पर किसी एक स्थान पर बादल फटने से हुई। वहां से सारा पानी अलग-अलग नालों में निकला और क्योंकि पानी बहुत ऊंचाई से आया था। इसलिए उसका वेग बहुत तेज था,  जिसके कारण अत्यधिक नुकसान हुआ।



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