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पूर्व सीएम जयराम ने सरकारी खजाना लुटाया, फिर भी नहीं बदल पाए रिवाज़ः चंद्रशेखर

 
कांग्रेस के कार्यकारी अध्यक्ष एवं विधायक चंद्रशेखर ने कहा है कि वर्तमान कांग्रेस सरकार को नेता प्रतिपक्ष जयराम ठाकुर से सरकारी ख़ज़ाने के संबंध में मार्गदर्शन की आवश्यकता नहीं है। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री रहते हुए जयराम ठाकुर ने राजनीतिक लाभ के लिए सरकारी ख़ज़ाना लुटाया, लेकिन फिर भी न तो रिवाज़ बदला और न ही भारतीय जनता पार्टी का मिशन रिपीट पूरा हो सका।
चंद्रशेखर ने कहा कि कांग्रेस सरकार गरीब और पात्र व्यक्तियों तक सब्सिडी का लाभ पहुंचाने की पक्षधर है, इसलिए सब्सिडी का युक्तिकरण किया जा रहा है, न कि उसे बंद किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि साधन संपन्न लोगों को सब्सिडी का लाभ नहीं मिलना चाहिए, जबकि गरीब परिवारों को सब्सिडी मिलनी चाहिए और कांग्रेस सरकार यही कर रही है। लेकिन पिछली भाजपा सरकार के कार्यकाल में राजनीतिक लाभ के लिए प्रदेश के संसाधन लुटाने का रिवाज शुरू हुआ। वर्ष 2022 का विधानसभा चुनाव जीतने की मंशा से जयराम ठाकुर ने अपने कार्यकाल के अंतिम छह महीने में फ्री बिजली और फ्री पानी जैसी योजनाएं शुरू की और सरकारी ख़ज़ाने का दुरुपयोग किया। इससे प्रदेश के संसाधनों पर बोझ पड़ा और प्रदेश की आर्थिक स्थिति खराब हुई।
 
जयराम सरकार  ने पांच सालों में कर्मचारियों को वित्तीय लाभ से वंचित रखा
कांग्रेस के कार्यकारी अध्यक्ष ने कहा कि जयराम ठाकुर सरकारी कर्मचारियों के हितैषी न बनें क्योंकि करोड़ों रुपए का ऋण लेने के बावजूद उन्होंने अपने कार्यकाल के पांच वर्षों में कर्मचारियों को वित्तीय लाभ से वंचित रखा। पिछली सरकार वर्तमान कांग्रेस सरकार को सरकारी कर्मचारियों की देनदारियां के 10 हजार करोड़ रुपए का बोझ छोड़ कर गई है। इसके अतिरिक्त प्रदेश पर 75 हजार करोड़ रुपए का ऋण विरासत में अलग से मिला। उन्होंने कहा कि प्रदेश की खराब वित्तीय स्थिति से बावजूद वर्तमान कांग्रेस सरकार ने मुख्यमंत्री ठाकुर सुखविंदर सिंह सुक्खू के नेतृत्व में सरकारी कर्मचारियों के लिए पुरानी पेंशन स्कीम बहाल कर उनके बुढ़ापे को सुरक्षित किया है। इसके अतिरिक्त सात प्रतिशत महंगाई भत्ता जारी किया गया है और 75 वर्ष से अधिक आयु के 28 हजार पेंशनरों का एरियर भी इसी वर्ष क्लीयर कर दिया जाएगा। चंद्रशेखर ने कहा कि कांग्रेस पार्टी ही सरकारी कर्मचारियों की हितैषी है, जबकि जयराम ठाकुर पुरानी पेंशन के लिए कर्मचारियों को चुनाव लड़ने की चुनौती देते थे।





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