उपचुनाव को लेकर क्या है ताजा स्थिति ,टिंज भारत की विशेष रिपोर्ट
गजेन्द्र शर्मा ,शिमला | प्रदेश में उपचुनाव का दौर चल रहा है ऐसे में आरोप प्रत्यारोप का सिलसिला भी शुरू हो गया है।प्रदेश में दोनों मुख्य दलों के प्रत्याशी व नेता एक दूसरे पर छींटाकशी करने व बयानों में हुई कोताही को भुनाने का कोई मौका नही छोड़ रहे हैं।आजकल सत्ता के गलियारों में कारगिल युद्ध को लेकर मंडी संसदीय क्षेत्र की कांग्रेस प्रत्याशी प्रतिभा सिंह द्वारा दिया गया बयान भी जंहा कांग्रेस के लिए गले की फांस बन गया है तो वंही आसमान छूती मॅहगाई के मुद्दे से जनता का ध्यान भटकाने के लिए भाजपा को बैठे बिठाए सेना के अपमान के नाम पर रामबाण मिल गया है।श्रद्धांजलि के नाम पर लोगों के बीच वोट मांगने जा रही काँग्रेस की राजमाता के मुंह से कारगिल युद्ध को लेकर निकली टिप्पणी को भाजपा नेताओं ने हाथोहाथ लेने में बिल्कुल भी वक्त जाया नहीं किया और इस बयान पर कुछ इस तरह से कांग्रेस पर हमला बोला कि महंगाई व बेरोजगारी जैसे मुद्दे गौण हो गये।यही नही भाजपा इस मुद्दे के जरिये पार्टी में चल रही जगजाहिर अंतर्कलह से भी कहीं न कहीं जनता का ध्यान भटकाने में सफल होती नजर आ रही है।
अब अगर बात कांग्रेस की करें तो यहां भी सब कुछ ठीक ठाक नहीं है |अर्की में पहले ही ब्लॉक के सभी अधिकारी संजय अवस्थी को प्रत्याशी बनाये जाने के चलते इस्तीफा दे चुके हैं और पार्टी प्रत्याशी के लिए प्रचार न करने का ऐलान कर चुके हैं,ऐसे मे यहाँ काँग्रेस को रुठों को मानना भी बड़ी चुनौती है,हालांकि संजय अवस्थी को ब्रह्मण प्रत्याशी होने का भी फायदा मिल सकता है क्योंकि अर्की विधानसभा क्षेत्र मे लगभग 42 फीसदी ब्रह्मण मतदाता हैं ।अगर बात भाजपा की करें तो यहां पार्टी प्रत्याशी के खिलाफ मोर्चा खोलकर बैठे पूर्व विधायक गोविंद राम शर्मा को तो अनुराग ठाकुर के सहारे भाजपा ने मना लिया है लेकिन गोविंद राम शर्मा ने यहां रतन पाल के पक्ष मे प्रचार करने से भी साफ मना कर दिया है ऐसे मे भाजपा के लिए भी चुनौती कम नहीं है |
अब बात जुब्बल कोटखाई विधानसभा क्षेत्र की करें तो यहां भी भाजपा के लिए अंतर्कलह से पार पाना मुश्किल दिख रहा है |यंहा भाजपा ने एक महिला प्रत्याशी नीलम सराईख को चुनाव मैदान मे उतारा है जिनकी महिलाओं के बीच काफी अच्छी पकड़ है और यंहा पुरुषों के मुक़ाबले महिला मतदाताओं की संख्या ज्यादा है, लेकिन भाजपा के ही पूर्व मंत्री स्वर्गीय नरेंद्र बरगटा के बेटे ने भी यंहा से निर्दलीय प्रत्याशी के रूप मे पर्चा भरकर भाजपा की चिंताएँ जरूर बढ़ा दी हैं |वंही यंहा काँग्रेस प्रत्याशी रोहित ठाकुर बागवनों और मंहगाई के मुद्दे को लेकर जनता के बीच जा रहे हैं और भाजपा मे चल रही अंतर्कलह पर अपनी रैलियों मे चटखारे लेना भी नहीं भूल रहे |
अब बात करें फ़तेहपुर विधानसभा क्षेत्र की तो यंहा त्रिकोणीय मुक़ाबला है काँग्रेस ने जंहा पूर्व मंत्री स्वर्गीय सुजान सिंह पठनीया के पुत्र भवानी सिंह पठानिया पर चुनावी दाव खेला है तो वंही भाजपा ने एक साधारण परिवार से संबंध रखने वाले बलदेव ठाकुर को अपना प्रत्याशी बनाया है इसके अलावा पूर्व मे भाजपा के कमल को खिला चुके मजदूर नेता राजन सुशांत उसी कमल के फूल की पंखुड़ियों को तोड़ने मे जुट गए हैं | काँग्रेस प्रत्याशी भवानी सिंह पठानिया को जंहा अपने पिता की राजनीतिक विरासत का फायदा मिलता दिख रहा है तो वंही युवाओं के मतों को साधने मे भी वे अन्य प्रत्याशियों से आगे दिख रहे हैं |इसके अलावा भाजपा के बलदेव ठाकुर एक साधारण परिवार से होने के चलते इसी मुद्दे को लेकर चुनाव मैदान मे हैं और लोगों से उनके पक्ष मे मतदान की अपील कर रहे हैं | वंही राजन सुशांत प्रदेश सरकार खासकर मुख्यमंत्री के खिलाफ बयानबाजी को लेकर पहले भी सुर्खियां बटौर चूकें हैं और आजकल अपनी मजदूर हितैषी छवि को लेकर जनता के बीच जा रहे हैं |वंही फ़तेहपुर विधानसभा क्षेत्र मे ब्राह्मण प्रत्याशी होने का लाभ भी राजन सुशांत को मिल सकता है |
अब कुल मिलाकर ये देखना दिलचस्प रहेगा की भाजपा काँग्रेस नेताओं के बयानो की कोताही को भुना पाने मे कामयाब होती है या फिर काँग्रेस के मंहगाई और बेरोजगारी जैसे मुद्दों पर जनता उसे जनाधार देती है |
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