आंध्र प्रदेश और हिमाचल स्कूली शिक्षा में डिजिटल लर्निंग को बढ़ावा देने के लिए कर सकते हैं सहयोगः राजेश शर्मा
समग्र शिक्षा हिमाचल के परियोजना निदेशक राजेश शर्मा ने कहा कि आंध्र प्रदेश और हिमाचल प्रदेश स्कूली शिक्षा में डिजिटल लर्निंग को बढ़ावा देने के लिए आपस में सहयोग कर सकते हैं। राजेश शर्मा ने आंध्र प्रदेश के शिक्षा अधिकारियों के साथ समग्र शिक्षा निदेशालय में बैठक की अध्यक्षता करते हुए कहा कि आंध्र प्रदेश ने स्कूली शिक्षा के क्षेत्र में बेहतरीन कार्य किए हैं। उन्होंने कहा कि आंध्र प्रदेश ने स्कूली शिक्षा में कई नवाचार किए हैं और पीपीपी (पब्लिक-प्राइवेट पार्टनरशिप) मोड में इसे लागू करने में यह अग्रणी राज्य माना जाता है।
राजेश शर्मा ने कहा कि आंध्र प्रदेश ने न केवल स्कूलों के बुनियादी ढांचे को सुधारा है, बल्कि डिजिटल माध्यम से पढ़ाई को लेकर भी कई महत्वपूर्ण कदम उठाए हैं। हिमाचल प्रदेश भी स्कूलों में स्मार्ट क्लासरूम के माध्यम से शिक्षा प्रदान करने में तकनीक का कुशलता से इस्तेमाल कर रहा है। ऐसे में दोनों राज्य इस क्षेत्र में सहयोग कर सकते हैं, जिससे शिक्षा के क्षेत्र में आने वाली समस्याओं का समाधान किया जा सके। शिक्षकों को प्रशिक्षित करने में भी तकनीक का इस्तेमाल कारगर साबित हो सकता है।
राजेश शर्मा ने कहा कि सरकारी स्कूलों में छात्रों की घटती संख्या हिमाचल सहित अन्य राज्यों के लिए एक बड़ी चुनौती है। हिमाचल सरकार ने शिक्षा की गुणवत्ता में सुधार के लिए कई महत्वपूर्ण कदम उठाए हैं, जिससे कि बच्चों का रुझान सरकारी स्कूलों की ओर बढ़े। स्कूलों में एनरोलमेंट बढ़ाने के प्रयास किए जा रहे हैं।
हिमाचल में 50% से अधिक स्कूलों में व्यावसायिक शिक्षा की सुविधा
समग्र शिक्षा निदेशक राजेश शर्मा ने कहा कि हिमाचल स्कूली बच्चों को व्यावसायिक शिक्षा प्रदान करने के क्षेत्र में बेहतर कार्य कर रहा है। केंद्र सरकार के निर्देशानुसार 50% स्कूलों में व्यावसायिक शिक्षा लागू करने का लक्ष्य हिमाचल ने पूरा कर लिया है। हिमाचल सरकार का प्रयास है कि छात्रों को बाजार की मांग के अनुसार व्यावसायिक शिक्षा मिले, जिससे स्कूली शिक्षा हासिल करने के बाद उनको रोजगार के पर्याप्त अवसर मिले।
राजेश शर्मा ने कहा कि हिमाचल ने स्कूल छोड़ने वाले बच्चों ( आउट आफ स्कूल चिल्ड्रन) को शिक्षा की मुख्यधारा में लाने के लिए भी उत्कृष्ट कार्य किया है। इन बच्चों को व्यावसायिक कौशल सिखाकर भी रोजगार के अवसर उपलब्ध कराए जा रहे हैं, जिसे केंद्र सरकार ने भी सराहा है। उन्होंने कहा कि निपुण भारत मिशन के तहत बच्चों की बुनियादी साक्षरता और संख्या ज्ञान (एफएलएन) को बढ़ाने के लिए भी हिमाचल में प्रभावी कदम उठाए गए हैं, हालांकि इसमें और सुधार की गुंजाइश है।
आंध्र प्रदेश के संयुक्त निदेशक वी सुब्बाराव ने हिमाचल द्वारा शिक्षा के क्षेत्र में किए जा रहे कार्यों को सराहा। उन्होंने कहा कि दोनों राज्य स्कूली शिक्षा के क्षेत्र में मिलकर काम कर सकते हैं। इस बैठक में हिमाचल के मौजूदा शैक्षिक परिदृश्य और स्कूली शिक्षा के क्षेत्र में किए जा रहे सुधारात्मक कार्यों की भी संक्षिप्त जानकारी प्रस्तुत की गई। इस बैठक के दौरान समग्र शिक्षा के नोडल अधिकारियों द्वारा निपुण भारत, आईसीटी शिक्षा, प्री-प्राइमरी शिक्षा, समावेशी शिक्षा, लैंगिक समानता, आउट ऑफ स्कूल बच्चों की शिक्षा, वोकेशनल शिक्षा, मादक पदार्थों के दुरुपयोग रोकने के कार्यों, स्कूली बच्चों के असेसमेंट व परख के लिए कराए जा रहे मॉक टेस्ट सहित अन्य महत्वपूर्ण गतिविधियों पर प्रेजेंटेशन दी गई। इस बैठक में आंध्र प्रदेश के डिप्टी डायरेक्टर शब्बीर मोहम्मद, हिमाचल समग्र शिक्षा के ज्वाइंट फाइनेंस कंट्रोलर बलबीर कुमार, समग्र शिक्षा के नोडल अधिकारी, स्टार्स प्रोजेक्ट के अधिकारी मौजूद रहे।
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