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माफिया चला रहा हिमाचल में सरकारः रणधीर शर्मा

 
भाजपा के वरिष्ठ नेता एवं मीडिया विभाग के प्रभारी रणधीर शर्मा ने कहा कि कांग्रेस सरकार के फैसले और उच्च न्यायालय का निर्णय यह साबित करता है कि कांग्रेस की वर्तमान सरकार हर मोर्चे, हर क्षेत्र में फेल है और नाकाम सिद्ध हो रही है। उन्होंने आरोप लगाया कि वर्तमान सरकार माफिया राज के दबदबे में काम कर रही है, सरकार पर माफिया का दबाव है चाहे वह खनन, भू, ड्रग, वन किसी भी प्रकार का माफिया हो।
 
हिमाचल में तबादला माफिया भी सक्रिय हो गया
भाजपा नेता ने कहा कि अब तो इस सरकार में तबादला माफिया भी सक्रिय हो गया है और यह माफिया सरकार के संरक्षण में पनप रहा है। उन्होंने आरोप लगाया कि माफिया का सरगना मुख्यमंत्री के विधानसभा क्षेत्र में है और मुख्यमंत्री का स्वयं उनको संरक्षण है। ईडी की गिरफ्तारियां इन आरोपों को सिद्ध करती है। खनन माफिया ऊना, सिरमौर, बीबीएन और कांगड़ा में तेजी से फल फूल रहा है। कई जगह तो माफिया में सरकार के कर्णधार भी शामिल है, अगर इनको संरक्षण देने के लिए किसी अधिकारी पर दबाव दिया जाता है और वह मानता नहीं तो उसके ऊपर भी दबाव बनाया जाता है, वन माफिया के लिए तो जंगल कटान के रास्ते खोल दिए गए हैं।
अपनी नाकामियां छिपाने के लिए विपक्ष पर दोषारोपण
रणधीर शर्मा ने  कहा कि हाल ही में उच्च न्यायालय ने हिमाचल भवन दिल्ली को अटैच करने के आदेश दिए हैं, यह गंभीर विषय है, पर मुख्यमंत्री अपनी कमियों को छुपाने के लिए विपक्ष पर दोषारोपण कर रहे हैं।  यह मुख्यमंत्री को शोभा नहीं देता है। उन्होंने सवाल किया कि 5000 करोड़ की कौन सी संपत्ति है जो भाजपा राज में नीलाम हुई, इस पर उन्हें स्पष्टीकरण देना चाहिए 
मुख्यमंत्री ने उच्च न्यायालय के न्यायाधीश पर टिप्पणी की कि यह लोकतंत्र के लिए सही नहीं है, इसके विपरीत उनको अपने एजी से पूछना चाहिए कि क्या उच्च न्यायालय में लगे मामलों की ढंग से पैरवी भी की थी या नहीं।
 
सरकार पर्यटन का कर रही गुणगान, कोर्ट ने होटल बंद किए
भाजपा नेता ने कहा कि उच्च न्यायालय ने पर्यटन विभाग के 18 होटल बंद करने के आदेश जारी किए हैं जबकि सरकार पर्यटन बढ़ाने की गुणगान करती थी। उन्होंने कहा कि सरकार ने इन होटलों को लाभ में लाने का प्रयास ही नहीं किया। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री को स्पष्ट करना चाहिए कि क्या इस निर्णय के खिलाफ सरकार अपील करेगी या इन होटलों को अपने मित्रों को लीज पर देगी ?

सीपीएस को बचाने की क्या मजबूरी
रणधीर शर्मा ने कहा कि राजनीतिक गलियारों में सीपीएस के निर्णय की चर्चा है, पर ऐसी क्या मजबूरी है कि मुख्यमंत्री अपने मित्रों को बचाना चाहते हैं और उच्च न्यायालय एवं सर्वोच्च न्यायालय में बड़े-बड़े वकील कर, करोड़ों रुपए खर्च कर,  सरकारी खजाने पर बोझ डालते हुए इनको बचाना चाहते हैं। उन्होंने कहा कि ऐसा लगता है कि मुख्यमंत्री मजबूर है, जो आर्थिक खजाने के खाली होने का रोना रोते हैं और दूसरी ओर सीपीएस का खर्च रोकना नहीं चाहते हैं 
रणधीर शर्मा ने जनसंपर्क विभाग द्वारा हाल ही में जारी सीएम के फोटो पर तंज करते हुए कहा कि मुख्यमंत्री की छवि अच्छे निर्णय लेकर बनती है ना की टॉयलेट टैक्स या समोसा की इंक्वारी से। यह सब निर्णय हास्यास्पद है। उन्होंने कहा कि सरकार के कारनामों से आज प्रदेश का पूरे देश में मजाक बन रहा है।
 



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