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कैबिनेट में पद एक , दावेदारों की फौज खड़ी , मंत्री बनाने के लिए CM के दरबार तक पहुंच गए एक MLA समर्थक

शिमला (अनिल पंवार) :-  हिमाचल प्रदेश में सीपीएस मामले में आए हाई कोर्ट के फैसले के बाद एक बार फिर सरकार का सियासी संतुलन पटरी से उतर गया है। प्रदेश में व्यवस्था परिवर्तन के नारे वाली सुक्खू सरकार ने राजनीतिक संतुलन बनाए रखने के लिए लगाए गए CPS को उच्च न्यायालय ने एक झटके में हटा दिए है।
ऐसे में हाइकोर्ट के फैसले के बाद प्रदेश में नई बहस शुरू हो गई है। कि सीपीएस से हटाए गए 6 विधायकों का अब भविष्य क्या है.? क्या इनकी विधायिकी जाएगी और यदि विधायिकी बची तो फिर मंत्री मंडल में खाली चल रहे एक पद पर किसकी लौटरी खुलेगी..? हाईकोर्ट के फैसले के बाद हिमाचल प्रदेश में मंत्री मंडल विस्तार की चर्चा तेज हो गई है। लेकिन अब सियासी समीकरण बिठाना सीएम सुक्खू के लिए अग्निपरीक्षा से कम नही है। क्योंकि प्रदेश में अब राजनीतिक हालात और बिगड़ गए है और उनके कई करीबियों ने तो लॉबिंग भी शुरू कर दी है।

 हिमाचल की सत्ता का दरवाजा कांगड़ा की मजबूत दावेदारी


कांगड़ा जिला को हिमाचल प्रदेश की सता का रास्ता माना जाता है ऐसे में दो सीपीएस बनाकर बिठाए समीकरण अब उनके हटने के बाद बिगड़ गए है ऐसे में वहां भी मंत्री पद के लिए लॉबिंग शुरू हो गई है। बाहर हुए सीपीएस आशीष बुटेल और किशोरी लाल अब मंत्री पद चाहेंगे । क्योंकि यह दोनों वरिष्ठ विधायक भी  है इसके अलावा MLA संजय रत्न पहले से ही दौड़ में माने जा रहे है। इसके अलावा देहरा से सीएम सुक्खू की धर्मपत्नी की भी महिला कोटे से दावेदारी मजबूत है।

कुल्लू के ठाकुर भी दावेदारों में शामिल

वहीं कुल्लू जिला से विधायक सुंदर सिंह ठाकुर को CPS बनाकर सीएम सुक्खू ने वहां मंत्री की रेस खत्म कर दी थी।लेकिन CPS पद से हटने के बाद उनकी मंत्री पद की दावेदारी काफी मजबूत मानी जा रही है। क्योंकि कुल्लू जिला से एक भी मंत्री नहीं बना है। और इस संसदीय क्षेत्र से मंडी जिला पहले ही सूखा है । हालांकि पूरे मंडी संसदीय क्षेत्र से जगत सिंह नेगी को मंत्री जरूर बनाया गया है, लेकिन वह ट्राइबल कोटे से मंत्री बने हैं। ऐसे में सुंदर सिंह ठाकुर की दावेदारी काफी मजबूत मानी जा रही है। अब देखना यह है कि सीएम सुक्खू कांगड़ा जिला को तीसरा मंत्री देते हैं, या कुल्लू जिला को पहला मंत्री मिलता है।

महिला कोटा सियासी समीकरणों में कमजोर


वहीं सुक्खू कैबिनेट में एक भी महिला मंत्री नहीं है। ऐसे में सियासी गलियारों में लाहौल स्पीति की विधायक अनुराधा और देहरा की विधायक कमलेश ठाकुर के मंत्री बनने पर भी बड़ा फैसला लिया जा सकता है। इसमें अनुराधा युवा है ऐसे में उनकी दावेदारी कमजोर है।  कमलेश ठाकुर को मंत्री बनाए जाने से कांगड़ा जिला को मंत्री पद मिलेगा, लेकिन इससे सीएम सुक्खू पर परिवारवाद का ठप्पा लग सकता है और विपक्ष इसे मुद्दा बना सकता है और कांग्रेस आलाकमान दोनों को बनाने से बचेगा।

EX CPS साहब ने CM के दरबार मे खड़ी कर दी समर्थकों की फौज

पुख्ता सूत्र बताते है कि हाइकोर्ट से फैसले को आए अभी 24 घण्टों का वक्त भी नही बीता था कि सीएम सुक्खू के एक करीबी विधायक जो पूर्व में सीपीएस बनाए हुए थे ने मंत्री पद के लिए दावेदारी ठोक दी है। सूत्रों की मानें तो इस माननीय के कुछ समर्थक तो सीएम सुक्खू के दरबार यानी सीएम सुक्खू से मिल गए है और  सीएम से उन्हें मंत्री बनाने की मांग कर डाली है।

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