सरकार कम करना चाहती है आईएफएस अधिकारियों की संख्याः मुख्यमंत्री
लोगों के जीवन स्तर में सुधार लाने का प्रयास कर रही राज्य सरकारः मुख्यमंत्री
केंद्र सरकार अन्तरराष्ट्रीय स्तर का हवाई अड्डा बनाने का खर्च वहन करेः मुख्यमंत्री
मुख्यमंत्री सुखविंद्र सिंह सुक्खू ने आज सोलन में पत्रकारों से अनौपचारिक बातचीत करते हुए कबा रि हिमाचल प्रदेश एक छोटा प्रदेश है जिसकी आबादी लगभग 70 लाख है इसलिए 153 आईएएस अधिकारी रखना उचित नहीं है। इसे देखते हुए राज्य सरकार ने नए काडर में नए आईएएस और आईपीएस अधिकारी लेने से मना कर दिया है। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार 115 आईएएस अधिकारियों को भी कम करना चाहती है।
मुख्यमंत्री ने एक सवाल के जवाब में कहा कि हिमाचल प्रदेश में एक भी अन्तरराष्ट्रीय स्तर का हवाई अड्डा नहीं है तथा इसके निर्माण का पूरा खर्च केन्द्र सरकार को वहन करना चाहिए। इसके साथ ही भानुपल्ली-बैरी और चण्डीगढ़-बद्दी रेल लाईन को बिछाने का पूरा खर्च भी केन्द्र सरकार को उठाना चाहिए।
परवाणू-सोलन फोरलेन की डिजाइनिंग सही तरीके से नहीं हुई
एक प्रश्न के उत्तर में मुख्यमंत्री ने कहा कि सोलन-परवाणु फोरलेन की स्थिति सबसे दयनीय है क्योंकि इसकी डिजाइनिंग सही ढंग से नहीं हुई है। उन्होंने कहा कि इस सम्बन्ध में उनकी चर्चा केन्द्रीय भूतल परिवहन मंत्री नितिन गडकरी से हुई है और उन्होंने इस फोरलेन की रि-डिजाइनिंग और रि-एलाइनमेंट करने की मांग की है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि वर्तमान राज्य सरकार लोगों के जीवन स्तर को बेहतर बनाने के लिए प्रयास कर रही है, इसलिए सभी विभागों में सकारात्मक बदलाव के लिए कदम उठाए जा रहे हैं। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार प्रशासनिक दखलअंदाजी को कम करके लोगों के जीवन स्तर में सकारात्मक बदलाव लाना चाहती है।
इससे पहले, ठाकुर सुखविंद्र सिंह सुक्खू, डॉ. (कर्नल) धनीराम शांडिल द्वारा आयोजित किए गए एक कार्यक्रम में भी शामिल हुए। इस अवसर पर स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण, सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता मंत्री डॉ. (कर्नल) धनीराम शांडिल, विधायक विनोद सुल्तानपुरी, बघाट बैंक के अध्यक्ष अरुण शर्मा, प्रदेश खाद्य एवं नागरिक आपूर्ति निगम निदेशक मण्डल के सदस्य जतिन साहनी, वरिष्ठ कांग्रेस नेता रमेश ठाकुर व सुरेन्द्र सेठी, उपायुक्त सोलन मनमोहन शर्मा, पुलिस अधीक्षक गौरव सिंह सहित अन्य गणमान्य व्यक्ति उपस्थित थे।
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