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"नो मीन्स नो" : जन आंदोलन किन्नौर

हिमाचल प्रदेश के जिला  किन्नौर में प्रकृति ने कहर बरसाया है नौ लोगों ने अपनी जान गवाई है | विकास विनाश की तरफ तबदील हो रहा है तरक़्क़ी की कीमत लोगों की जान है | लेकिन अब लोग इसके प्रति सचेत हो रहे हैं किन्नौर के लोगों ने एक अभियान की शुरुआत की है जिसमे ''नो मीन्स नो " का नारा स्थानीय लोगों द्वारा दिया गया है | 

हिमाचल प्रदेश ही नहीं बल्कि पूरे भारत में प्रकृति अपने विकराल रूप में है और इसके लिए ज़िम्मेदार हर एक व्यक्ति है क्यूंकि विकास के नाम पर हम प्रकृति का शोषण कर रहे हैं | प्रोजेक्ट के नाम पर विकास के नए आयाम लिखे जा रहे हैं लेकिन इन आयामों की दास्तान लिखे तो उत्तराखंड त्रासदी इसका जीवंत उदाहरण है | हिमाचल प्रदेश के काँगड़ा जिला में भी जान और माल का भारी नुकसान हुआ मुख्यमंत्री प्रदेश के हर एक क्षेत्र का दौरा कर रहे हैं लेकिन कोशिश ये रहनी चाहिए की जब भी हम विकास का नया आयाम लिखें तो प्रकृति के साथ छेड़छाड़ न करें | यह हमारी धरोहर है और हमें ही इसका संरक्षण करना है|

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