इस बार की बरसात हिमाचल को गहरे जख्म दे रही है। बुधवार को एक बार फिर किन्नौर जिले के निगुलसरी में भूस्खलन की बड़ी घटना हुई है। भूस्खलन की इस घटना में अभी तक 10 लोगों की मौत की पुष्टि हो चुकी है, जबकि 13 घायलों को रेस्क्यू किया जा चुका है। इस घटना में एक सरकारी बस जिसमें 25 से 30 लोगों के होने की संभावनांओं के साथ मलबे में दबने के साथ 1 अन्य वाहनों के दबे होने की सूचना है। मलबे में दबे हुए लोगों की राहत कार्य में जुटे आईटीबीपी, एनडीआरएफ, सीआईएसएफ और पुलिस के जवानों को पहाड़ी से लगातार गिर रहे पत्थरों की वजह से दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है। किन्नौर में भूस्खलन की घटना बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, गृहमंत्री अमित शाह ने राज्य सरकार को राहत कार्याें में तेजी लाने और हर संभव सहायता देने को लेकर आश्वासन दिया है। मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने बताया कि निगुलसरी में राहत कार्य को शुरू कर दिया गया है और घायलों को अस्पताल तक पहुंचाने के लिए सेना और पड़ोसी राज्यों से भी हैलीकॉप्टर की सहायता मांगी गई है। उन्होंने कहा कि मौके पर 10 एंबुलेंस भेज दी गई हैं और राहत कार्य में 110 से अधिक लोगों की टीम मशिनरी के साथ तैनात है।
गौरतलब है कि हिमाचल में इस साल प्राकृतिक आपदाओं में बढ़ोतरी देखी गई है। अभी तक मॉनसून सीजन में ही प्रदेश में विभिन्न आपदाओं में 233 लोगों की जानें गई हैं। वहीं पिछले दो माह में प्रदेश में भूस्खलन की 22 बड़ी घटनाएं हो चुकी हैं। जिनमें दर्जनों लोगों की जानें गई हैं। इससे पहले भी किन्नौर जिले के बटसेरी में पिछले माह पहाड़ी से पत्थर गिरने की वजह से बाहरी राज्यों हिमाचल घूमने आए 9 पर्यटकों की जान चली गई थी। इसके अलावा मालिंग नाले में भूस्खलन की वजह से नेशनल हाईवे 05 भी कई घंटों तक बंद रहा था। वहीं लाहौल स्पीति जिले में मानसून सीजन में बारिश की कमी के बावजूद बहुत थोड़े समय में हुई भारी बारिश की वजह से आई बाढ़ से 10 लोगों की जान जाने के साथ वहां के किसानों को भारी नुकसान उठाना पड़ा है।
हिमाचल प्रदेश में इस मानसून सीजन के जुलाई माह में पिछले 16 सालों के मुकाबले में अधिक बारिश दर्ज की गई है। मौसम विभाग के डाटा के अनुसार कुल्लू जिला में 42 फीसदी अधिक बारिश दर्ज की गई है। वहीं किन्नौर जिला में -9 फीसदी, लाहौल में -59 और चंबा में -38 फीसदी कम बारिश हुई है। बावजूद इसके किन्नौर, चंबा और लाहौल-स्पीति जिले में बाढ़ और भूस्खलन की आपदाएं सबसे अधिक देखी गई हैं। जुलाई माह में हिमाचल में 273 एमएम बारिश होने की संभावना जताई गई थी। जबकि 289 एमएम बारिश हुई। इससे 16 वर्ष पहले 2005 में जुलाई माह में 309 एमएम बारिश हिमाचल प्रदेश में दर्ज की गई है। वहीं पिछले 16 वर्षों के आंकडों का अगर विशलेषण करें तो जानकारी मिलती है कि पिछले 16 सालों में हिमाचल में बारिश के क्रम में कमी आई है और यह पहला मौका है जब जुलाई माह में बारिश सामान्य से अधिक दर्ज हुई है।
मौसम विभाग की ओर से अगले तीन दिनों के लिए चार जिलों बिलासपुर, कांगड़ा, मंडी और शिमला में यलो अलर्ट जारी किया है। मौसम विभाग के निदेशक सुरेंद्र पाल का कहना है कि अभी अगले 4 दिनों तक प्रदेश में बारिश का क्रम जारी रहेगा। उन्होंने कहा कि प्रदेश की मध्यम और उंचाई वाले क्षेत्रों में अधिक बारिश की संभावना है।
रेस्क्यू ऑपरेशन को लीड कर रहे अधिकारियों को कहना है कि हादसा स्थल पर सभी टीमें मिलकर काम कर रही हैं और जल्द ही बस को खोजकर उसमें फंसे हुए यात्रियों को बाहर निकालने का काम शुरू किया जाएगा।
हादसे में बचाए गए लोगों के नाम-
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