सरकार सीपीएस से वसूले उन पर खर्च हुआ सरकारी पैसा : राजीव भारद्वाज
भाजपा प्रदेश उपाध्यक्ष एवं लोक सभा सांसद डॉ राजीव भारद्वाज ने राज्यपाल शिव प्रताप शुक्ला से राजभवन में शिष्टाचार भेंट की। इस दौरान उनके साथ प्रदेश उपाध्यक्ष संजीव कटवाल, डॉ राजीव सहजल, प्रदेश मीडिया प्रभारी कर्ण नंदा, प्रवक्ता चेतन ब्राग़टा और कोषाध्यक कमल सूद उपस्थित रहे।
इस दौरान राजीव भारद्वाज ने मीडिया से बात चीत करते हुए कहा कि उच्च न्यायालय का सीपीएस को निरस्त करने का फैसला ऐतिहासिक है और इस निर्णय का भाजपा एवं जनता स्वागत करती है। उन्होंने कहा कि जब से वर्तमान सरकार ने प्रदेश में सीपीएस नियुक्त किए थे, तब से भाजपा के सभी नेता इस निर्णय का निरंतर विरोध कर रहे थे। उन्होंने कहा कि इस नियुक्ति से केवल प्रदेश पर आर्थिक बोझ पड़ रहा था।
राजीव ने कहा कि अभी तक जो भी पैसा सीपीएस की नियुक्तियों के बाद खर्च हुआ है उस पैसे को सरकारी खजाने में वापसी डालना चाहिए, यह खर्च किया गया पैसा सरकार खजाने का दुरुपयोग है। उन्होंने कहा कि सरकार सर्वोच्च न्यायालय जाने की बात कर रही है, लेकिन जिस प्रकार से कोर्ट का ऑर्डर आया है, उससे लगता नहीं कि सरकार की किसी भी प्रकार की याचिका टिकने वाली है। भारद्वाज ने कहा कि वैसे तो इन सीपीएस को नैतिकता के आधार पर इस्तीफा दे देना चाहिए था।
राजीव भारद्वाज ने कहा कि ने भाजपा नेताओं और एक अधिवक्ता की याचिका पर हाईकोर्ट ने हिमाचल प्रदेश संसदीय सचिव (नियुक्ति, वेतन, भत्ते, शक्तियां, विशेषाधिकार और सुविधाएं) अधिनियम, 2006 को भी खारिज कर दिया। 33 पन्नों के इस फैसले में हाईकोर्ट ने कहा कि हिमाचल प्रदेश संसदीय सचिव (नियुक्ति, वेतन, भत्ते, शक्तियां, विशेषाधिकार और सुविधाएं) अधिनियम, 2006 को राज्य विधानसभा की विधायी शक्ति से परे होने के कारण रद्द किया जाता है। इसके परिणामस्वरूप कोर्ट ने इस अधिनियम के बाद की गई नियुक्तियों को रद्द करते इन्हें अवैध, असंवैधानिक और शून्य घोषित किया। इस ऑर्डर का बिंदु संख्या 50 में इनकी नियुक्ति एवं पद से बर्खास्त करने हेतु स्पष्ट रूप से लिखा है।
उन्होंने कहा कि इन सभी से इनकी सुविधाओं का खर्च पैसा सरकार को इनसे वापस लेना चाहिए।
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