प्राकृतिक खेती और जल संरक्षण को लेकर अटल बिहारी वाजपेयी विश्वविद्यालय छत्तीसगढ़ की ओर से आयोजित वेबीनार में अपने संबोधन में वरिष्ठ भाजपा नेता एवं पूर्व मुख्यमंत्री प्रोफेसर प्रेम कुमार धूमल ने प्राकृतिक खेती को भविष्य की खेती बताया। उन्होंने कहा कि प्राकृतिक संसाधन रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने में सक्षम हैं, प्रयोगशाला में हुए परीक्षणों से साबित हुआ है कि प्राकृतिक कृषि के उत्पाद में पोषक तत्वों की उपलब्धता रसायनिक कृषि पद्धति के उत्पादों की तुलना में काफी अधिक है। कोरोना काल में शरीर के प्रतिरक्षा तंत्र को मजबूत करने के लिए ऐसे उत्पादों की आवश्यकता अधिक है। उन्होंने कहा कि हिमाचल प्राकृतिक खेती की शुरूआत एक अनुठी पहल है और इससे प्रदेश के किसानों की आय में बढ़ोतरी तो होगी ही साथ ही उपभोक्ताओं को स्वस्थ भोज्य पदार्थ मिल सकेंगे।
गौरतलब है कि छत्तीसगढ़ की राज्यपाल अनुसुइया उईके के आग्रह पर प्रोफेसर प्रेम कुमार धूमल इस वेबनियार शामिल हुए। वेबनियार में गुजरात के राज्यपाल आचार्य देवव्रत, छत्तीसगढ़ की राज्यपाल सुश्री अनुसूइया उईके एवं छत्तीसगढ़ विश्वविद्यालय के कुलपति डॉ एडीएन वाजपेयी के अतिरिक्त कृषि विश्वविद्यालय छत्तीसगढ़ के कुलपति एवं हिमाचल प्रदेश से प्राकृतिक खेती खुशहाल किसान योजना के राज्य परियोजना निदेशक राकेश कंवर और परियोजना के कार्यकारी निदेशक प्रो राजेश्वर सिंह चंदेल एवं राज्य के अन्य विशेषज्ञ, किसान और छात्र भी मौजूद रहे भी मौजूद रहे।
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