हिमाचल सरकार ने एसजेवीएन को अपर किन्नौर में 400 मेगावाट सौर पार्क बनाने का काम दिया है। अब इस सौर पार्क को एमओडीई-8 अर्थात सोलर पार्क योजना के अल्ट्रा मेगा रिन्यूएबल एनर्जी पावर पार्कों के तहत विकास के लिए केंद्रीय नवीन और नवीकरणीय ऊर्जा मंत्रालय (एमएनआरई) की सैद्धांतिक रूप से मंजूरी मिल गई है।
एसजेवीएन के अध्यक्ष एवं प्रबंध निदेशक एसजेवीएन नन्द लाल शर्मा ने बताया कि एसजेवीएन हिमाचल में सभी नवीकरणीय ऊर्जा परियोजनाओं के लिए सौर ऊर्जा पार्क विकासकर्ता (एसपीपीडी) है। उन्होंने कहा कि हिमाचल सरकार ने इस सोलर पार्क को कमीशन करने की सिफारिश की थी। हिमाचल के लिए राष्ट्रीय स्तर के नवीकरणीय ऊर्जा विकास के लिए नोडल एजेंसी होने के चलते एसजेवीएन को एमएनआरई ने यह जिम्मेदारी सौंपी है।
नन्द लाल शर्मा ने कंपनी को इस काम का दायित्व देने के लिए केंद्र और हिमाचल सरकार का आभार व्यक्त किया है। उन्होंने सौर पार्क के लिए प्रारंभिक सर्वेक्षण और अन्वेषण कार्य करने के लिए हिमऊर्जा के अधिकारियों का भी धन्यवाद किया। एसजेवीएन सोलर पार्क योजना की समय-सीमा के अनुसार विस्तृत परियोजना रिपोर्ट तैयार करने और उसे यथाशीघ्र प्रस्तुत करने के लिए त्वरित कार्यवाही कर रहा है।
एसजेवीएन डीपीआर तैयार कर रहा 880 मेगावाट काजा सोलर पार्क की डीपीआर
नन्द लाल शर्मा ने बताया कि एसजेवीएन पहले से ही हिमाचल प्रदेश में 880 मेगावाट काजा सोलर पार्क के लिए डीपीआर तैयार कर रहा है। कंपनी दोनों सोलर पार्कों को समय पर सिंक्रोनाइज़ और कमीशन करने के लिए प्रतिबद्ध है। यह इस क्षेत्र में सौर पार्कों से तैयार विद्युत की निकासी के लिए पावर ग्रिड कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया की 400 केवी ट्रांसमिशन लाइन की कमीशनिंग के शेड्यूल के पश्चात किया जाएगा।
उन्होंने कहा कि पर्यावरण के अनुकूल होने के अलावा इन सौर पार्कों के विकास से स्थानीय लोगों को आर्थिक गतिविधियों, सामुदायिक और आधारभूत संरचनात्मक विकास तथा अनेक प्रत्यक्ष एवं अप्रत्यक्ष रोजगार के अवसर प्राप्त होंगे।
वर्तमान में एसजेवीएन के पास 16400 मेगावाट से अधिक का पोर्टफोलियो है और इस नवीनतम वृद्धि के साथ अब नवीकरणीय ऊर्जा पोर्टफोलियो 3054.5 मेगावाट है। वर्ष 2030 तक लक्षित 25000 मेगावाट क्षमता वृद्धि में से लगभग 15000 मेगावाट सौर ऊर्जा परियोजनाओं से होगा।
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