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पुरानी पेंशन बहाली को लेकर हजारों कर्मचारियों ने विधानसभा का किया घेराव




पुरानी पेंशन बहाली को लेकर प्रदेशभर से आए हजारों कर्मचारियों ने गुरुवार को विधानसभा का घेराव किया। प्रदर्शनकारी कर्मचारी विधानसभा के गेट तक पहुंच गए। पुलिस ने कर्मचारियों को रोकने की कोशिश की और इससे धक्का मुक्की हुई। कर्मचारी पुरानी पेंशन बहाली की मांग करने के नारे लगाते रहे। इससे स्थिति तनावपूर्ण हो गई है। प्रदर्शनकारी कर्मचारियों को समझाने के लिए शहरी विकास मंत्री सुरेश भारद्वाज वहां आए, लेकिन कर्मचारी शांत नहीं हुए। 


एनपीएस कर्मचारियों की पुरानी पेंशन बहाल करने की मांग पैदल यात्रा कर रहे हैं। 23 फरवरी को मंडी से शुरु हुई पैदल यात्रा बुधवार को शिमला के घनाहटी पहुंची। गुरुवार को प्रदेश के विभिन्न हिस्सों से परंपरागत लोक वाद्ययंत्रों और ढोल नगाड़ों के साथ हजारों कर्मचारी सुबह 10 बजे टूटीकंडी क्रॉसिंग पर एकत्रित हुए । इसके बाद ओल्ड पेंशन कर्मचारी यूनियन के राष्ट्रीय अध्यक्ष विजय बंधू की अगुवाई मेंकर्मचारियों ने विधानसभा की ओर कूच किया।



प्रदर्शनकारी जमकर नारेबाजी करते हुए जब 103 टनल पहुंचे तो वहां पुलिस ने बैरिकेड्स लगाकर इन्हें रोक लिया। इससे गुस्साए कर्मचारियो ने बीच सड़क पर ही बैठ गए और जोरदार प्रदर्शन किया। इस दौरान सड़क पर लम्बा जाम को देखते हुए पुलिस ने बायपास से यातयात डायवर्ट कर दिया। इसके बाद जब कर्मचारी आगे बढ़ने लगे तो पुलिस ने इनको रोकने के लिए पानी की बौछार की। लेकिन इसके बावजूद भी बड़ी संख्या में कर्मचारी विधानसभा पहुंच गए। 



इस मौके पर ओल्ड पेंशन कर्मचारी यूनियन के राष्ट्रीय अध्यक्ष विजय बंधू ने कहा  कि ओल्ड पेंशन उनका हक है और लेकर रहेंगे। उन्होंने जोर देकर कहा कि सरकार को ओल्ड पेंशन बहाल करनी होगी। उन्होंने कहा कि विधायक या सांसद एक दिन के लिए भी चुना जाता है तो उसे पेंशन दी जाती है लेकिन कर्मचारी सारी उम्र सरकार के लिए काम करता है उसकी पेंशन बंद कर दी गई है। जिस का विरोध करते रहेंगे।



विपक्ष ने सदन में किया हंगामा

कर्मचारियों को लेकर सदन में गुरुवार को खूब हंगामा हुआ।  विधानसभा में गुरुवार को प्रश्नकाल के शुरू होने से पहले ही विपक्ष ने सदन में हंगामा कर दिया। इससे पहले कि प्रश्नकाल शुरू हो कांग्रेस के वरिष्ठ नेता जगत सिंह नेगी ने एनपीएस कर्मचारियों द्वारा पुरानी पेंशन बहाली को लेकर प्‍वाइंट आफ आर्डर के तहत मामला उठाना चाहा। लेकिन इसकी अनुमति नहीं मिली।  इस पर कांग्रेस के सभी विधायक अपनी सीटों से खड़े होकर अध्यक्ष से मामला उठाने की इजाजत देने का आग्रह करने लगे।

नेता प्रतिपक्ष मुकेश अग्निहोत्री ने विपक्ष के काम रोको प्रस्ताव को स्वीकार न करने पर आपत्ति जताई। वे इस पर चर्चा करवाने पर अड़े रहे। इस प्रस्ताव की नामंजूरी पर विपक्ष के सदस्यों ने सदन में सरकार के खिलाफ नारे लगाए। इसके बाद विपक्ष ने वाकआउट कर दिया। मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने कहा कि कांग्रेस कर्मचारियों को सरकार के खिलाफ भड़का रही है। मुख्यमंत्री ने कहा कि सदन छोड़कर विपक्ष ने बहुत बड़ा काम नहीं किया है। कर्मचारियों के लिए सरकार संवेदनशील है। पंजाब के नए स्केल के आने के बाद सरकार ने वह सब कुछ किया है, जो संभव है।

उन्होंने याद दिलाया कि जब हिमाचल प्रदेश में एनपीएस लागू किया गया था तो उस समय पूर्व मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह की सरकार थी ऐसे में कांग्रेस दोहरा रवैया अपना रही है। मुख्यमंत्री ने सदन में कर्मचारियों से भी अपील की कि वे अपनी मांग को शांतिपूर्वक तरीके से रखें।

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