विपक्ष के नेता मुकेश अग्निहोत्री ने मांगा सरकार से इस्तीफा
हिमाचल प्रदेश विधानसभा में मानसून सत्र की दूसरे दिन की कार्यवाही हंगामेदार रही। विपक्ष ने जयराम सरकार के इस कार्यकाल में पहली बार सदन में सरकार के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव लाया। इस पर चर्चा हंगामेदार रही। नेता प्रतिपक्ष और कांग्रेस विधायक दल के नेता मुकेश अग्निहोत्री ने सदन में अविश्वास प्रस्ताव लाया। मुकेश अग्निहोत्री ने चर्चा करते हुए कहा कि इस सदन का प्रदेश मंत्रिमंडल में कोई विश्वास नहीं है। उन्होंने कहा कि सरकारी खर्च पर रैलियां हो रही है और फिजूलखर्ची की जा रही है। उन्होंने कहा कि जब ये सरकार जाएगी तो प्रदेश पर 85 हज़ार करोड़ रुपये का कर्ज होगा। इस पर सत्ता पक्ष और विपक्ष में तीखी नोकझोंक हुई।
अग्निहोत्री ने कहा कि हिमाचल के हितों को बेचा जा रहा है। उन्होंने प्रदेश में कानून व्यवस्था पर सवाल उठाए और कहा कि महिलाएं सुरक्षित नहीं हैं। राज्य में मर्डर,
रेप सहित अन्य अपराधिक मामले भी बढ़ गए हैं। इस पर सदन में खूब नोकझोंक होती रही।
अग्निहोत्री ने कहा कि पुलिस भर्ती पेपर लीक मामला सरकार ने सीबीआई को दिया। मगर सीबीआई जांच नहीं हुई। उन्होंने कहा कि पुलिस भर्ती का पर्चा छपने से लीक हो गया था। उन्होंने कहा कि पुलिस भर्ती सबसे बड़ा घोटाला है। मुकेश अग्निहोत्री ने कहा कि कार्रवाई केवल उन लोगों पर ही की गई है, जिन्होंने पेपर खरीदा या लीक किया। जिन अधिकारियों की इसमें संलिप्तता रही, उन पर कार्रवाई नहीं की गई।
मुकेश अग्निहोत्री ने सदन में कहा कि मुख्यमंत्री कर्मचारियों से नाराज होकर कहते हैं कि आंखें खोलो- ये किसने लिख दिया। उन्होंने कहा कि ये आउटसोर्स और अन्य कर्मचारियों का शोषण कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री को कुर्सी छोड़नी चाहिए और सरकार को इस्तीफा देना चाहिए।
मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने कहा कि सरकार ने पुलिस भर्ती पर तत्काल कार्रवाई करते हुए पेपर रद्द किया और एसआईटी बनाई। इसके बाद मामला सीबीआई को सौंपने का निर्णय लिया। सीबीआई ने इस मामले में अभी तक न की है और न ही हां। उन्होंने कहा कि 2016 में पुलिस भर्ती पर उंगलियां उठाईं गई। तब इसे रद्द क्यों नहीं किया गया।
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